सांकेतिक तस्वीर
2000 Rupees Note: बीजेपी के राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने 2000 रु के नोट को काला धन और जमाखोरी की जड़ बताया है. उन्होंने 2000 रु की नोट को बंद करने की मांग की है. भाजपा राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि 2000 के नोट क्षणिक तौर पर लाए गए थे. RBI ने 3 साल से छपाई बंद कर दी है. बीजेपी सांसद ने कहा कि अब बाजार में ये नोट नहीं दिखते, लोगों ने इसे जमा कर रखा है. उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल काले धन के तौर पर हो रहा है. सरकार को इसे बैन करने पर विचार करना चाहिए.
राज्सभा में सार्वजनिक महत्व के मामलों पर चर्चा के दौरान, बीजेपी सांसद ने कहा, “2000 के नोट यानी ब्लैक मनी, 2000 रु की नोट यानी यानी होर्डिंग. अगर ब्लैक मनी को रोकना है तो 2,000 रुपये के नोट को बंद करना होगा.” उन्होंने कहा कि दो हजार रु के नोट बाजार में दिखाई नहीं दे रहे हैं, ये एटीएम से भी नहीं निकल रहे हैं, अफवाह है कि ये अब लीगल टेंडर नहीं रहा. सरकार को इसे लेकर स्थिति स्पष्ट करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि जब 1000 रु के नोट बंद हो जाए तो 2000 रु के नोट का कोई औचित्य नहीं है. सरकार भी डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दे रही है. इसलिए मेरा सरकार से अनुरोध है कि चरणबद्ध तरीके से 2000 रु के नोट को वापस ले लेना चाहिए. .
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नोटबंदी (demonetisation) के बाद चलन में आए 2000 रु के नोट
बता दें कि नोटबंदी के बाद 2000 रु के नोट चलन में आए, हालांकि पिछले कुछ समय से ये नोट कम दिखाई दे रहे हैं, जिसके बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार जल्द ही इन नोटों को वापस ले सकती है. 8 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रु के करेंसी नोटों को अमान्य करार दे दिया था. इसके बाद 500 के नए नोट मार्केट में आए और साथ ही 2000 रु के नोटों का चलन शुरू हो गया. जानकारी के मुताबिक, आरबीआई ने अब 2000 रु के नोटों की छपाई बंद कर दी है. इसके बाद से ये चर्चा जोरों पर है कि जल्द ही ये नोट बंद किए जा सकते हैं. हालांकि, ये नोट वर्तमान में आधिकारिक मुद्रा हैं.
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