जगन्नाथ रथ यात्रा और भगवान जगन्नाथ.
Rath Yatra 2024 Secrets of Lord Jagannath Illness: पुरी में हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से लेकर एकादशी तक रथ यात्रा का आयोजन होता है. इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा 7 जुलाई से लेकर 17 जुलाई तक है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि को भगवान जगन्नाथ बीमार पड़ जाते हैं. इसी दिन भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बलभद्र को गर्भगृह से निकाला जाता है. कहा जाता है कि 15 दिनों तक भगवान जगन्नाथ को बुखार रहता है. इस लिए इस दौरान वे शयनकक्ष में विश्राम करते हैं. इसके बाद आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भगवान अपने विश्राम कक्ष के बाहर निकलते हैं. मान्यता है कि इसी खुशी में हर साल पुरी में रथ यात्रा निकाली जाती है.
भगवान जगन्नाथ क्यों हो जाते हैं बीमार?
पौराणिक मान्यता के अनुसार, किसी समय माधव दास भगवान जगन्नाथ के एक परम भक्त थे. वे रोजाना भगवान जगन्नाथ की पूजा और सेवा किया करते थे. एक बार भगवान जगन्नाथ के भक्त को उल्टी-दस्त शुरू गया. जिसकी वजह से वह इतना कमजोर हो गए कि चलना-फिरना भी मुश्किल हो गया. फिर भी उन्होंने भगवान की सेवा का काम नहीं छोड़ा. खुद ही भगवान सेवा करते रहे.
इस क्रम में जब माधव दास अत्यधिक दुर्बल हो गए तो भगवान जगन्नाथ खुद ही सेवक बनकर उनके पास पहुंचे. भगवान सेवक बनकर उनकी सेवा करने लगे. माधव दास को जब होश आया तो उन्होंने भगवान जगन्नाथ को तुरंत पहचान लिया. तब उन्होंने भगवान जगन्नाथ से कहा कि आप तो स्वयं त्रिभुवन के स्वामी हैं और आप चाहते तो मेरा यह रोग दूर कर सकते थे, फिर आप स्वयं क्यों आ गए.
भगवान जगन्नाथ बोले मुझसे अपने भक्त की पीड़ी देखी नहीं गई. इसलिए सेवा के लिए आ गया. प्रारब्ध को कोई टाल नहीं सकता लेकिन अब तुम्हारे प्रारब्ध में जो 15 दिनों का रोग और बचा है उसे मैं स्वयं ले रहा हूं. मान्यतानुसार, यही वजह है कि भगवान जगन्नाथ 15 दिनों के लिए बीमार पड़ जाते हैं.
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