Anubrata Mondal
मवेशी तस्करी मामले में जेल में बंद टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दिया है. कोर्ट ने अनुब्रत मंडल को पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश दिया है. कोर्ट अनुब्रत मंडल से कहा है कि जमानत के दौरान वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे और ना ही गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे.
अनुब्रत मंडल 2 साल से जेल में बंद हैं
मंडल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने कहा कि अनुब्रत मंडल 2 साल से जेल में बंद है. इस मामले में शामिल कई लोगों को जमानत मिल चुकी है. यह कहना कि जमानत मिलने के बाद अनुब्रत मंडल गवाहों को प्रभावित कर सकता है यह गलत है. हालांकि ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने जमानत का विरोध किया कहा कि इस मामले में अभी भी जांच चल रही है, मंडल काफी पावरफुल हैं, अगर इन्हें जमानत मिली तो ये आगे की जांच को प्रभावित कर सकते है, गवाहों को धमका सकते है. लिहाजा इस स्टेज पर जमानत देना सही नही होगा.
मवेशी तस्करी मामले में हुए थे गिरफ्तार
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने जमानत दे दी है. अनुब्रत मंडल को सीबीआई मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है. पिछली सुनवाई के दौरान मंडल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि इस मामले में पांच आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं. मेरा मुवक्किल जेल में अकेला बंद है. बता दें अनुब्रत को पिछले साल अगस्त में मवेशी तस्करी मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.
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ये था पूरा मामला
इसके बाद उन्हें आसनसोल जेल स्थानांतरित कर दिया गया था. बाद में उन्हें इसी मामले में ईडी ने हिरासत में ले लिया, लेकिन टीएमसी नेताको राज्य पुलिस ने हत्या के प्रयास के मामले में गिरफ्तार कर लिया. जमानत मिलने के बाद फिर से रामपुरहाट जेल से आसनसोल जेल ले जाया गया. मंडल को दिल्ली में ईडी ने मवेशी तस्करी मामले में पूछताछ के लिए दो सप्ताह तक रिमांड पर लिया था. जिसके बाद तिहाड़ जेल भेज दिया गया. तिहाड़ जेल में उनकी बेटी सुकन्या मंडल और अकाउंटेंट मनीष कोठारी भी बंद है.
-भारत एक्सप्रेस
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