दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल.
CM Arvind Kejriwal: दिल्ली शराब नीति मामले में भ्रष्टाचार के तहत तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और ट्रायल कोर्ट के सीबीआई रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने यह फैसला दिया है. साथ ही केजरीवाल की ओर से दायर जमानत याचिका का कोर्ट ने निपटारा करते हुए निचली अदालत जाने को कहा है.
गिरफ्तारी की तुलना पाकिस्तान के पीएम इमरान खान से
मामले की सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की तुलना पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से की थी. सिंघवी ने कहा था कि तीन दिन पहले हमने देखा कि पाकिस्तान में इमरान खान रिहा हुए और दूसरे केस में उन्हें दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन हम गर्व से कह सकते हैं कि हम वैसा देश नहीं है, ऐसा हमारे देश में नहीं हो सकता है.
सिर्फ 5 को जमानत
वहीं, सीबीआई की ओर से पेश वकील डीपी सिंह ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से सिर्फ पांच को जमानत मिली है. ये कोई और नही बल्कि के कविता, मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल के अधीन काम करने वाले लोग है. निचली अदालत ने केजरीवाल की सीबीआई रिमांड खत्म होने के बाद 12 जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. निचली अदालत ने उन्हें हिरासत में देते हुए कहा था कि केजरीवाल का नाम मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक के रूप में सामने आया है और जांच अभी भी जारी है.
घोटाले से जुड़े सवालों का जवाब नहीं दे केजरीवाल
सीबीआई ने कहा था कि केजरीवाल जानबूझकर शराब घोटाले से जुड़े सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं. साथ ही केजरीवाल ने नई शराब नीति में प्रॉफिट मार्जिन 5 परसेंट से 12 परसेंट किये जाने की वजह पर भी जवाब नहीं दिया है. सीबीआई की ओर से यह भी कहा गया था कि देश मे जिस वक्त कोरोना की दूसरी वेव चल रही थी, उस वक़्त कैबिनेट में शराब पॉलिसी में बदलाव करना क्यों जरूरी था? बता दें कि सीबीआई ने केजरीवाल को 26 जून को गिरफ्तार किया था.
ईडी की जांच का सामना
केजरीवाल मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं. आम आदमी पार्टी का आरोप है कि दिल्ली में सत्ता में रहते हुए पार्टी के नेताओं ने जानबूझकर नई शराब नीति बनाई और इसमें चुनिंदा लोगों को लाभ पहुचाने के लिए नियमों में बदलाव किया गया. इसके बदले आम आदमी पार्टी के नेताओं को पैसे मिले, जिनका उपयोग चुनाव में किया गया। ईडी इस मामले में पैसे के हेरफेर को लेकर जांच कर रही है.
वहीं सीबीआई रिश्वत के लेन देन और नेताओं के भ्रष्ट आचरण की जांच कर रही है. दिल्ली के उपराज्यपाल ने आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं और भ्र्ष्टाचार को लेकर सीबीआई से इसकी जांच कराने का आदेश दिया था, जिसके बाद इसे 2022 में रदद् कर दिया गया था. बता दें कि अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च 2024 को ईडी ने दिल्ली के कथित शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था और उन्हें 10 मई को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी.
-भारत एक्सप्रेस