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बांग्लादेश: हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार पर गृह विभाग के सलाहकार ने मांगी माफी, जानें क्या कहा

पिछले कुछ दिनों से बांग्लादेश में हिंदू, दलित और दूसरे अल्पसंख्यकों पर दंगाइयों ने बड़े पैमाने पर अत्याचार किया है. हिंदुओं के मंदिरों तक को नहीं छोड़ा गया.

ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम. सखावत हुसैन.

बांग्लादेश (Bangladesh) की अंतरिम सरकार के गृह मामलों (Home Department) के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम. सखावत हुसैन (M. Sakhawat Hossain) ने अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय (Hindu Minorities) से हाथ जोड़कर माफी मांगी है.

मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, ‘हम उन्हें सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहे. मैं हाथ जोड़कर माफ़ी मांगता हूं’, और उन्होंने अपने दोनों हाथ जोड़ लिए.

अल्पसंख्यकों की सुरक्षा

सखावत ने कहा, ‘हमने निर्देश दिया है कि हमारे अल्पसंख्यक भाइयों की सुरक्षा करना बहुसंख्यक समुदाय का परम कर्तव्य है. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें जवाब देना होगा कि वे सुरक्षा प्रदान करने में विफल क्यों रहे. यह हमारे धर्म का भी हिस्सा है कि हमें अपने अल्पसंख्यकों की रक्षा करनी चाहिए. मैं अपने अल्पसंख्यक भाइयों से माफ़ी मांगता हूं.’


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उन्होंने कहा कि देश अराजकता की दौर से गुजर रहा है. पुलिस खुद अच्छी स्थिति में नहीं है, इसलिए ‘मैं बड़े पैमाने पर समाज से आग्रह करता हूं’ कि उनकी रक्षा करें. वे हमारे भाई हैं और हम सभी एक साथ बड़े हुए हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि आने वाले हिंदू त्योहारों जन्माष्टमी और दुर्गा पूजा के दौरान उचित सुरक्षा उपाय किए जाएंगे.

अल्पसंख्यकों पर अत्याचार

उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से बांग्लादेश में हिंदू, दलित और दूसरे अल्पसंख्यकों पर दंगाइयों ने बड़े पैमाने पर अत्याचार किया है. हिंदुओं के मंदिरों तक को नहीं छोड़ा गया. सोशल मीडिया पर इन घटनाओं के कई वीडियो वायरल हुए हैं.

बांग्लादेश में बिगड़ती स्थिति को देखते हुए हिंदू भारत आना चाहते हैं. वहीं, उन पर हो रहे हमलों को लेकर भारत के साधु-संतों में भी भारी रोष है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील की है कि वहां के हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए.

बांग्लादेश में भड़की हिंसा के बीच शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने बीते 5 अगस्त को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर भारत आ गई थीं. अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) को दी गई है.

अल्पसंख्यक नेताओं के साथ बैठक

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस मंगलवार को ढाका में देश के अल्पसंख्यक समुदायों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे0 पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के 5 अगस्त को इस्तीफे के बाद से देश में हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमलों और बर्बरता की घटनाओं की पृष्ठभूमि में यह बैठक होने जा रही है.

बांग्लादेशी इस्लामी विद्वान अबुल फैयाज मोहम्मद खालिद हुसैन वर्तमान में यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार में धार्मिक मामलों के सलाहकार हैं. उन्होंने सोमवार को ढाका में पत्रकारों को बताया, ‘वर्तमान सरकार सांप्रदायिक सद्भाव में विश्वास करती है और अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा करती है.’

उपद्रवियों को सजा दिलाई जाएगी

स्थानीय मीडिया के अनुसार, सचिवालय भवन में आयोजित मीडिया ब्रीफिंग में हुसैन ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले उपद्रवियों ने किए हैं और अंतरिम सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी. उन्होंने वादा किया कि उपद्रवियों को सजा दिलाई जाएगी. हुसैन ने यह भी बताया कि नष्ट हुए घरों और मंदिरों की सूची तैयार की जा रही है. पीड़ितों को वित्तीय सहायता दी जाएगी.

नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 8 अगस्त को शपथ ग्रहण किया था. बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-ईसाई ओइक्या परिषद ने 9 अगस्त को उन्हें एक ‘खुला पत्र’ भेजा था. पत्र में अल्पसंख्यकों के खिलाफ एक विशेष समूह की हिंसा पर गहरी दुख और चिंता व्यक्त की गई थी.

पत्र में जिक्र किया गया कि शेख हसीना के ढाका छोड़ने के तुरंत बाद शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के बीच भय, चिंता और अनिश्चितता पैदा कर दी है.

-भारत एक्सप्रेस

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