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शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को हाईकोर्ट से झटका, मानहानि मामले में अंतरिम आदेश से कोर्ट का इनकार

Avimukteshwaranand Saraswati: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा गोविंदानंद सरस्वती के खिलाफ दायर मानहानि मामले में अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया है.

Avimukteshwaranand Govindananda Saraswati

गोविंदानंद सरस्वती और शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती.

Avimukteshwaranand Saraswati: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा गोविंदानंद सरस्वती के खिलाफ दायर मानहानि मामले में अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आप एक संत हैं, आप इस बारे में चिंतित क्यों हैं. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि संतों को इन सब से चिंतित नहीं होना चाहिए, इससे उन्हें बदनाम नहीं किया जा सकता, संत अपने कर्मो से सम्मान पाते हैं. कोर्ट 29 अगस्त को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.

गोविंदानंद सरस्वती ने लगाए ये आरोप

मामले की सुनवाई के दौरान अविमुक्तेश्वरानंद के वकील ने कहा कि गोविंदानंद उन्हें फर्जी बाबा, ढोंगी बाबा और चोर बाबा कहते हैं. गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने कांग्रेस पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को मोहरे के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद उनके खिलाफ अविमुक्तेश्वरानंद ने मानहानि का मुकदमा दायर की है. उन्होंने कहा था कि अविमुक्तेश्वरानंद साधू और संत कहलाने लायक भी नहीं है, शंकराचार्य तो बहुत दूर की बात है.

‘शंकराचार्य के बारे में तो भूल जाइए…’

गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने कहा था कि अविमुक्तेश्वरानंद नाम का एक फर्जी बाबा इन दिनों काफी लोकप्रिय हो रहे हैं. टीवी पर उन्हें कुछ लोग शंकराचार्य का टैग दे रहे हैं. मैं देश के सभी नागरिकों को संदेश देना चाहता हूं कि अविमुक्तेश्वरानंद एक नंबर का फर्जी आदमी है, वो अपने नाम के साथ साधू संत या संन्यासी जोड़ने लायक नहीं है, इसलिए शंकराचार्य के बारे में तो भूल जाइए.

प्रियंका गांधी के पत्र का प्रमाण

गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कुछ पेपर भी दिखाए थे. उन्होंने प्रियंका गांधी द्वारा अविमुक्तेश्वरानंद को 13 सितंबर 2022 को लिखे एक पत्र को प्रमाण के तौर पर दिखाया था. गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा पर भी आरोप लगाया था कि उन्होंने अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की. उन्होंने प्रियंका गांधी से 15 दिनों में माफी मांगने को कहा था, नहीं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की बात की थी.

-भारत एक्सप्रेस

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