बृज भूषण शरण सिंह
Brij Bhushan Sharan Sexual Harassment Case: भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पहलवानों की सुरक्षा हटाने के मामले में दिल्ली पुलिस ने राऊज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि उसने उन महिला पहलवानों की सुरक्षा वापस लेने के बारे में पैदा हुई गलतफहमी को दूर कर दिया है. अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया कि महिला पहलवानों की सुरक्षा हटाना एक गलतफहमी थी. इसे सुधार लिया गया है.
राऊज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने दिल्ली पुलिस को सिंह के खिलाफ गवाही देने वाली एक महिला पहलवान की सुरक्षा वापस लेने के कारणों के बारे में शुक्रवार तक एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था.
गवाही से एक दिन पहले सुरक्षा वापस लेने का आरोप
महिला पहलवानों ने आरोप लगाया है कि गवाही से ठीक एक दिन पहले सुरक्षा वापस लेने का आरोप लगाया था. महिला पहलवानों की ओर से इसकी जानकारी कोर्ट को दी गई, जिसके बाद कोर्ट ने सुरक्षा देने के लिए पुलिस को कड़े निर्देश जारी किया था. साथ ही कोर्ट ने नई दिल्ली की डीसीपी से सिक्योरिटी हटाने की वजह बताते हुए रिपोर्ट तैयार करने को कहा है.
पहलवानों को दी गई सुरक्षा वापस नहीं ली गई: DCP
हालांकि, पुलिस ने आरोप से इनकार करते हुए बताया कि रूटीन प्रेक्टिस के लिए पुलिस को फायरिंग और ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया था. वहीं, पहलवानों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने दावा किया गया था कि पहलवानों की सुरक्षा 21 अगस्त की रात को वापस ले ली गई. जिसके बाद नई दिल्ली डीसीपी ने ट्वीट कर कहा है कि पहलवानों को दी गई सुरक्षा वापस नहीं ली गई है. बल्कि निर्णय यह लिया गया कि भविष्य में हरियाणा पुलिस से यह जिम्मेदारी संभालने का अनुरोध किया जाए, क्योंकि जिन्हें सिक्योरिटी दी गई है वो लोग वहीं पर रहते हैं.
बृज भूषण सिंह के खिलाफ 22 गवाहों के बयान
बता दें कि बृज भूषण सिंह के खिलाफ छह महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न, मारपीट और पीछा करने के आरोप में 1500 पन्नों की चार्जशीट में चार राज्यों के कम से कम 22 गवाहों के बयानों का उल्लेख किया गया है. इनमें पहलवान, एक रेफरी, एक कोच और एक फिजियोथेरेपिस्ट भी शामिल है. इन्होंने आरोपों कि पुष्टि की है.
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-भारत एक्सप्रेस
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