पूजा खेडकर.
Delhi News: बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेड़कर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. दिल्ली हाई कोर्ट ने यूपीएससी की ओर से दायर याचिका पर पूजा खेड़कर को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब देने को कहा है. कोर्ट 26 नवंबर को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.
यूपीएससी ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि पूजा खेड़कर द्वारा हाई कोर्ट में दायर याचिका में दी गई जानकारी गलत है. क्योंकि पूजा खेड़कर ने दायर याचिका में गलत दावा किया था, उसे उम्मीदवारी रद्द करने का आदेश नहीं दिया गया था. यूपीएससी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि उनकी उम्मीदवारी रद्द करने से संबंधित जानकारी पूजा खेड़कर के मेल के जरिये दी गई थी. यह ईमेल वही था जिसका इस्तेमाल उन्होंने अपने सिविल सेवा कार्यक्रम 2022 आवेदन के लिए किया था. हालांकि खेड़कर ने अदालत में दावा किया कि उन्हें यूपीएससी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से ही उम्मीदवार रद्द होने की जानकारी मिली.
न्यायमूर्ति ज्योति सिंह कर रहीं याचिका पर सुनवाई
न्यायमूर्ति ज्योति सिंह यूपीएससी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है. यूपीएससी ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि खेड़कर का हलफनामा 28 जुलाई 2024 के है, जबकि उनकी उम्मीदवारी रद्द करने का आदेश 31 जुलाई को जारी किया गया था. यूपीएससी ने अदालत से उचित कार्यवाही शुरू करने और झूठी गवाही देने के लिए खेड़कर के खिलाफ जांच का निर्देश देने की मांग की गई है. बता दें कि दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में दाखिल स्टेट्स रिपोर्ट में कहा है कि पूजा खेड़कर द्वारा डिसएबलिटी सर्टिफिकेट फर्जी है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जो सर्टिफिकेट 2022 और 2023 की यूपीएससी परीक्षा के दौरान दिया गया था, वो फर्जी है. रिपोर्ट के मुताबिक, पूजा खेड़कर ने इस सर्टिफिकेट में अपना नाम बदला है. इस फर्जी सर्टिफिकेट को महाराष्ट्र जे बनाए जाने का दावा भी झूठा है. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि जांच से यह पता चला है कि वर्ष 2022 और 2024 में अहमदनगर महाराष्ट्र से दो सर्टिफिकेट जारी किए गए थे. लेकिन पुलिस ने जब मेडिकल ऑथोरिटी से इन सर्टिफिकेट की जानकारी मांगी तो ऑथोरिटी की तरफ से बताया गया कि उनकी तरफ से कोई विकलांगता सर्टिफिकेट जारी नही किया गया है. जबकि पूजा खेड़कर की तरफ से 47 फीसदी दिव्यांगत का दावा किया था.
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