लेबनान में हिजबुल्लाह के कम्युनिकेशन सिस्टम पेजर में ब्लास्ट हुए थे.
Lebanon Pager explosion : पश्चिमी एशिया में इजरायल-फिलिस्तीन के पड़ोसी मुल्क लेबनान में हजारों पेजरों में हुए सिलसिलेवार ब्लास्ट से कोहराम मच गया. वहां 17 सितंबर को कई शहरों में घरों, सड़कों और बाजारों में लोगों की जेब और हाथ में रखे पेजर अचानक फटने लगे. इन घटनाओं में 30 से ज्यादा मौतें हुईं और 4 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए. बताया जा रहा है कि ये पेजर हिज़्बुल्लाह लड़ाकों के लिए ताइवान की कंपनी से खरीदे गए थे, जिन्हें इजरायल ने ब्लास्ट करवाया.
पेजर ब्लास्ट मामले को लेकर इजरायल के साथ-साथ ताइवान भी सवालों के घेरे में हैं. हालांकि, आज ताइवान की सरकार ने कहा है कि हथियारबंद ग्रुप हिज़्बुल्लाह द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हज़ारों पेज़र के पार्ट्स उसके देश में नहीं बने थे. यह बयान ताइवानी कंपनी ‘गोल्ड अपोलोट’ के उस बयान के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि इस हमले में इस्तेमाल किए गए उपकरणों को उसने नहीं बनाया था.
ताइवान के वित्त मंत्री बोले— पेजर के पार्ट्स ताइवानी नहीं
ताइवान के वित्त मंत्री कुओ जिय-हुएई ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, “लेबनान के इस्लामी संगठन हिज़्बुल्लाह के लिए सप्लाई हुए पेजरों के कल-पुर्ज़े हमारे यहां नहीं बनाए गए थे.” उन्होंने कहा कि इस बारे में एक न्यायिक जांच पहले ही शुरू कर दी गई है. उन्होंने कहा, “मैं सच्चाई से पर्दा उठाना चाहता हूं, क्योंकि ताइवान ने कभी भी उस मॉडल का पेजर एक्सपोर्ट नहीं किया है.”
बीएसी कंसल्टिंग ने बनाया गोल्ड अपोलो का पेजर ब्रांड!
इससे पहले गोल्ड अपोलो के प्रमुख सू चिंग-कुआंग ने कहा था कि उसके उपकरणों का इन हादसों से कोई संंबंध नहीं है. हुएई ने कहा कि उन्होंने हंगरी की कंपनी बीएसी कंसल्टिंग को गोल्ड अपोलो का ब्रांड नाम इस्तेमाल करने के लाइसेंस दिया था.
दूसरी ओर अमेरिकी मीडिया ग्रुप ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने अपनी रिपोर्ट में इजरायली इंटेलिजेंस अधिकारियों के हवाले से कहा कि पेजर बनाने वाली कंपनी (बीएसी) एक विदेशी शेल कंपनी थी, जो इजरायल के लिए काम करती थी.
— भारत एक्सप्रेस
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