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कैश फॉर जॉब मामला: पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार

कोलकाता हाईकोर्ट ने पार्थ चटर्जी को जमानत देने से इनकार कर दिया था. हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान पार्थ चटर्जी की ओर से पेश वकील ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित अन्य को मिली जमानत का हवाला दिया था.

पार्थ चटर्जी

पश्चिम बंगाल कैश फॉर जॉब मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जेल में बंद पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी इस साल भी दुर्गा पूजा नहीं मना पाएंगे. पार्थ चटर्जी की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट दशहरे की छुट्टी के बाद इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच मामले में सुनवाई कर रही है.

कोलकाता हाईकोर्ट ने पार्थ चटर्जी को जमानत देने से इनकार कर दिया था. हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान पार्थ चटर्जी की ओर से पेश वकील ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित अन्य को मिली जमानत का हवाला दिया था.

प्रेसिडेंट सेंट्रल जेल में पिछले 2 साल से अधिक समय से पार्थ चटर्जी बंद हैं. पार्थ चटर्जी को ईडी ने जुलाई 2022 में गिरफ्तार किया था. ईडी इस मामले में राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल के पदाधिकारी पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी कहे जाने वाले अर्पिता मुखोपाध्याय की चार्जशीट दाखिल कर चुकी है.

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दाखिल 172 पेज के चार्जशीट में पार्थ चटर्जी और अर्पिता के अलावा, ईडी ने छह कम्पनियों को उनके निदेशकों के माध्यम से आरोपी के रूप में दाखिल किया है. ईडी ने चल-अचल सम्पत्तियों के कुल मूल्य 48.22 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया है. ईडी ने 48.22 करोड़ रुपये कोलकाता में अर्पिता के स्वामित्व वाले दो फ्लैटों से जब्त किए गए 49.80 करोड़ रुपए ओर 5 करोड़ रुपये से अधिक से आभूषणों के अलावा. ईडी अभी तक 103.10 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है.

-भारत एक्सप्रेस

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