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राजस्थान में गायों को अब नहीं कह सकते आवारा, भजनलाल सरकार ने लिया ये फैसला

भजनलाल सरकार के गोपालन विभाग ने इसके लिए सभी जिला कलक्टरों व जिला स्तरीय गोपालन समिति के अध्यक्षों को निर्देश जारी किया है. इसमें गौवंश को सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा माना गया है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा. (फाइल फोटो)

राजस्थान सरकार ने गायों को लेकर बड़ा फैसला लिया है. राजस्थान में अब गौवंश को आवारा कहने पर रोक लगा दी गई है. गायों को अब “आवारा” की जगह “बेसहारा” कहना होगा. विभाग ने इसके लिए सभी जिला कलक्टरों व जिला स्तरीय गोपालन समिति के अध्यक्षों को निर्देश जारी किया है. इसमें गौवंश को सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा माना गया है.

गौवंश सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा

भजनलाल सरकार (CM Bhajanlal Rajasthan) के गोपालन विभाग ने रविवार देर रात एक आदेश जारी किया, जिसमें सभी जिला कलक्टरों व जिला स्तरीय गोपालन समिति के अध्यक्षों को निर्देश दिया गया है. निर्देश में गौवंशों को सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा माना गया है. विभाग ने गौवंश के लिए “आवारा” शब्द को अपमानजनक और अनुचित माना है, और निर्देश दिया है कि अब से गौवंश के लिए “बेसहारा या असहाय” शब्द का प्रयोग किया जाना चाहिए.


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आवारा कहना सांस्कृतिक मूल्यों के विरुद्ध

गोपालन विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा कि गोवंश हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है, अलग अलग वजहों से वे बेसहारा हो जाती हैं. जिसके चलते वे सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर बेसहारा और असहाय रूप से दिखाई देती हैं. इन्हीं सब कारणों से गौवंश को आवारा कहा जाता है. यह पूरी तरह से अनुचित और अपमानजनक है. ऐसा कहना हमारे सांस्कृतिक मूल्यों के विरुद्ध है. इसलिए खुलेआम घूम रही गौवंश को “बेसहारा या असहाय” कहा जाना चाहिए.

-भारत एक्सप्रेस

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