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Air India की फ्लाइट में दूसरी बार पेशाब करने का आया मामला, ‘नो फ्लाई लिस्ट’ की सिफारिश, जाने क्या कहते हैं नियम ?

Air India फ्लाइट में यात्रियों के व्यवहार को नियंत्रित करने के लिए ‘नो फ्लाई लिस्ट’ का इस्तेमाल किया जाता है.

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एयर इंडिया की फ्लाइट में फिर पेशाब करने का मामला आया सामने

Air India: एयर इंडिया की फ्लाइट में एक बार फिर नेश में धुत एक शख्स द्वारा पेशाब करने का मामला सामने आया है. नशे में धुत शख्स ने चलती फ्लाइट में बुजुर्ग महिला के ऊपर पेशाब कर दिया. जिसके बाद जब महिला ने इसकी शिकायत केबिन क्रू मेंबर्स से की तो क्रू मेंबर्स ने उस शख्स पर कोई कार्रवाई नहीं की. वहीं महिला ने आरोप लगाया है कि पेशाब करने वाला शख्स नशे में था. जब पूरा मामला सामने आया तो एयर इंडिया ने आरोपी शख्स के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और उसे ‘नो फ्लाई लिस्ट’ में डाले जाने की सिफारिश की है.

बुजुर्ग महिला बिजनेस क्लास में न्यूयॉर्क से दिल्ली आ रही थी. इसी दौरान ये बाकया हुआ. इससे पहले भी एयर इंडिया की फ्लाइट में एक शख्स ने नशे में महिला के ऊपर टॉयलेट कर दिया था. जिसके बाद उसको भी ‘नो फ्लाई लिस्ट’ में डाले जाने की सिफारिश की गई थी. हालाकिं, काफी समय बाद उस पर एक्शन हुआ और शख्स को 30 दिन के लिए ‘नो फ्लाई लिस्ट’ में डाल दिया गया. ऐसे में अब लोगों की ये जानने की दिलचस्पी बढ़ गई है कि आखिर नो फ्लाई लिस्ट क्या होती है ?

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क्या होता है ‘नो फ्लाई लिस्ट’ ?

फ्लाइट में यात्रियों के व्यवहार को नियंत्रित करने के लिए ‘नो फ्लाई लिस्ट’ का इस्तेमाल किया जाता है. नो फ्लाई लिस्ट के तहत उन लोगों पर कार्रवाई की जाती है जो मौखिक, शारीरिक या किसी अन्य प्रकार के आपत्तिजनक व्यवहार के माध्यम से यात्रा में उत्पन्न पैदा करते हैं. कार्रवाई के तहत यात्रियों पर एक निश्चित या फिर अनिश्चित समय के लिए भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है. इस सूची का संकलन रखरखाव नागरिक उड्डयन निदेशालय द्वारा एयरलाइंस से मिले इनपुट के आधार पर किया जाता है.

‘नो फ्लाई लिस्ट’ के तहत यात्रियों को 3 श्रेणियों में रखा जाता है. अगर शख्स लेवल 1 की श्रेणी में आता है तो उस पर तीन महीने तक यात्रा पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है. वहीं लेवल 2 की श्रेणी में छह महीने तक का प्रतिबंध लग सकता है और आखिरी लेवल 3 में कम से कम दो साल या अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगाया जा सकता है.

– भारत एक्सप्रेस

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