पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस.
अमेरिका आज होने वाला राष्ट्रपति चुनाव अनिश्चितता और ध्रुवीकरण के बीच हो रहा है. राष्ट्र, कमला हैरिस को चुनकर उन्हें पहली महिला राष्ट्रपति बनने का गौरव दे सकता है या फिर डोनाल्ड ट्रंप को एक बार फिर व्हाइट हाउस में पहुंचा सकता है. ट्रंप 2020 में चुनाव हार गए थे.
ट्रंप पर दो बार हुआ हमला
चुनाव से पहले का क्रूर अभियान हिंसा से भरा हुआ था. रिपब्लिकन ट्रंप दो बार हत्या के प्रयासों से बच गए, जिनमें से एक में वे घायल हो गए. उपराष्ट्रपति हैरिस महज तीन महीने पहले पार्टी की अप्रत्याशित उम्मीदवार बनीं. यह तब हुआ जब राष्ट्रपति जो बाइडेन ट्रंप के साथ प्रेसिडेंशियल बहस में बुरी तरह पिछड़ गए. उनकी बढ़ती उम्र उनके इरादों पर हावी हो गई.
ट्रंप ने ‘स्वर्ण युग’ की वापसी का वादा किया
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने उस ‘स्वर्ण युग’ की वापसी का वादा किया है जब अमेरिका महान था. वहीं हैरिस ने वादा है कि वह सौहार्द और सहयोग की एक नई शुरुआत करेंगी. हालांकि ट्रंप का रिकॉर्ड भले ही विवादास्पद रहा हो, लेकिन हैरिस को बाइडेन की छाया से उभरने के बाद केवल तीन महीनों के अभियान में खुद को अलग करने के सीमित अवसर मिले हैं. उन्हें मुद्रास्फीति और बढ़ते अवैध प्रवास के रिकॉर्ड के साथ बाइडेन प्रशासन से जुड़े सवालों का सामना करना पड़ा.
साढ़े तीन बजे शुरू होगी वोटिंग
लगभग सभी सर्वों में दोनों उम्मीदवारों के बीच बराबरी की बात कही गई है जिससे लगता है कि इस बार मुकाबला बेहद कड़ा होने जा रहा है. सुबह 5 बजे (भारत में दोपहर 3:30 बजे) जब पहला मतदान केंद्र खुलेगा, तब तक 186.5 मिलियन मतदाताओं में से लगभग 81 मिलियन मतदाता (लगभग 43 प्रतिशत) प्रारंभिक मतदान प्रक्रिया के माध्यम से अपने मतपत्र डाल चुके होंगे.
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अलास्का और हवाई में आखिरी मतदान केंद्र आधी रात (भारत में बुधवार सुबह 10:30 बजे) बंद होने तक नतीजे आने की संभावना नहीं है. अगर मुकाबला कड़ा हुआ तो पोस्टल बैलेट भी से नतीजों में अंतर आ सकता है. अगर आप सोचते हैं कि अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव लोगों द्वारा सीधी वोटिंग के जरिए होता है तो ऐसा नहीं है.
-भारत एक्सप्रेस
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