दिल्ली हाईकोर्ट ने कई चेतावनी के बावजूद सुनवाई में बाधा डालने को लेकर एक वकील से जवाब मांगा है. उसने वकील से पूछा है कि उसके खिलाफ क्यों न अवमानना की कार्यवाही की जाए. न्यायमूर्ति गिरीश कथपालिया ने कहा कि वकील उन्हें आदेश लिखवाने के दौरान बाधा डाल रहा था. जिसकी वजह से उन्हें कक्ष में जाकर आदेश लिखवाना पड़ा.
न्यायमूर्ति ने कहा कि अदालती कार्यवाही में हस्तक्षेप करने का ऐसा आचरण अवमानना के बराबर है. यह चेतावनी दिए जाने के बावजूद वकील ने कार्यवाही में बाधा डालना जारी रखा. मैं उचित कार्रवाई पर विचार करने के लिए बाध्य महसूस करता हूं.
इसलिए याचिकाकर्ता के वकील को अगली तारीख पर यह बताने का अवसर दिया जाता है कि क्यों न उसके खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू की जाए. उन्होंने एक बीमा कंपनी के खिलाफ एक महिला की आवेदन पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया. वकील उस महिला का प्रतिनिधित्व कर रहा था.
-भारत एक्सप्रेस
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