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मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ को दी गई विदाई, कपिल सिब्ब्ल ने कहा- आप जैसा कोई नहीं होगा

वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि आपके पिता ने न्यायालय को तब संभाला जब न्यायालय में उथल-पुथल थी और आपने तब संभाला जब मामले उथल-पुथल वाले थे. आप जैसा कोई नहीं होगा जो उस कुर्सी को फिर से सुशोभित करेगा.

CJI Dy Chandrachud

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ (फाइल फोटो)

भारत के मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ का आज आधिकारिक तौर पर आखिरी (CJI D.Y. Chandrachud Farewell) दिन है. उनकी विदाई समारोह के अवसर पर देश के वरिष्ठ वकीलों और अन्य लोगों ने न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ के काम करने के लरीके और उनके कार्यकाल पर अपने अपने विचार साझा करते हुए विदा किया.

विदाई समारोह के दौरान अटॉर्नी जनरल आर वैंकटरमनी (Attorney General R Venkataramani) ने कहा कि हाल ही में सीजेआई ब्राजील एक कांफ्रेंस में गए थे. कॉन्फ्रेंस खत्म होने के लिए सभी नाचने लगे. क्या होगा, अगर मैं यहां सभी से आपकी विदाई समारोह में नाचने के लिए कहूं और मुझे यकीन है सभी लोग मेरे पक्ष में वोट देंगे.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आपने न्याय देने में पूरी निष्पक्षता की. हम आपके सामने अच्छे या बुरे मामलों में कभी भी हिचकिचाते नहीं थे. सरकार के लिए हमने कुछ जीते, हमने कई हारे. लेकिन हम जानते थे कि हमें अदालत को समझाने और अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया गया. मेरे प्रभु ने हमेशा परिवार के कर्ता के रूप में एक स्टैंड लिया है. डीवाईसी  को वास्तव में याद किया जाएगा.

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि आप एक असाधारण पिता के असाधारण बेटे हैं. हमेशा मुस्कुराते रहने वाले चंद्रचूड़, आपका चेहरा हमेशा के लिए अंकित हो जाएगा. एक न्यायाधीश के रूप में आपका आचरण अनुकरणीय था. कपिल सिब्बल ने कहा कि आपके पिता ने न्यायालय को तब संभाला जब न्यायालय में उथल-पुथल थी और आपने तब संभाला जब मामले उथल-पुथल वाले थे. आप जैसा कोई नहीं होगा जो उस कुर्सी को फिर से सुशोभित करेगा.

वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी

वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा पिछले 42 वर्षों में आपकी ऊर्जा में केवल वृद्धि हुई है. आप धैर्य की सीमा को पार कर जाते हैं. आप हमेशा समय से परे हमारी बात सुनने में कामयाब रहे. आपने प्रौद्योगिकी और न्यायालय के आधुनिकीकरण के लिए बहुत कुछ किया है, जैसा किसी और ने नहीं किया. मैंने जो काम चल रहा था (कॉरिडोर एसी के लिए) उसकी आलोचना की थी और फिर उसकी प्रशंसा की थी. आपने हमें आईपैड के करीब भी लाया. आपने कई संविधान पीठों, 7 न्यायाधीशों, 9 न्यायाधीशों की अध्यक्षता की और निर्णय लिखे. आपको हमें अपनी युवावस्था का अमृत भी बताना चाहिए.

वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी

वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि वकीलों की बात पूरी तरह सुनी गई और मैं सीजेआई से तब मिला जब वह मुंबई में एएसजी थे और मैं दिल्ली में एएसजी था. हम अप्सरा पेन मार्ट के पीछे लंच करते थे. मुझे उम्मीद है कि मैं फिर से आपके साथ लंच पर जाऊंगा. सिंघवी ने कहा कि मैं जस्टिस खन्ना का स्वागत करता हूं.

एएसजी एसवी राजू

एएसजी एसवी राजू ने कहा कि आपको हमेशा आपके निर्णयों और भाषणों के लिए याद किया जाएगा, जो हमेशा विचारोत्तेजक रहे हैं. एक वकील की इच्छा है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय जाना चाहिए. सीजेआई ने हंसते हुए आश्चर्य व्यक्त किया. सीजेआई चंद्रचूड़ के लिए सीजेआई नामित न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने कहा कि मुझे उनके समक्ष वकील के तौर पर पेश होने का कभी मौका नहीं मिला. वह शाकाहारी हैं, लेकिन समोसे बहुत पसंद करते हैं और सुबह जल्दी उठते हैं.

वहीं वकील शादान फरासत ने सुप्रीम कोर्ट के विधि लिपिकों के वेतन में वृद्धि के सीजेआई के फैसले की सराहना की. वरिष्ठ वकील शिखिल सूरी ने अपने बेटे द्वारा बनाई गई सीजेआई चंद्रचूड़ की पेंटिंग दिखाई और अंबेडकर से तुलना की.

वरिष्ठ वकील राजीव शकधर

वरिष्ठ वकील राजीव शकधर ने कहा कि यदि आप समय को बीतने देते हैं तो आप हमेशा सोच सकते हैं कि क्या किया जा सकता था. मुझे लगता है कि आपने अपने पास मौजूद सभी समय का उपयोग किया है. आपने 24 घंटे के दिन को 48 घंटे में बदल दिया. लोग यह नहीं समझते कि एक न्यायाधीश के लिए कई परीक्षण और क्लेश होते हैं और आपको वह नहीं मिलता जो आप हमेशा चाहते हैं. मैं आपको हमेशा और हमेशा के लिए शुभकामनाएं देता हूं. “किसी को मुकामल जहाँ नहीं मिलता, किसी को ज़मीन, किसी को आसमान नहीं मिलता.”

वरिष्ठ वकील माधवी दीवान

वरिष्ठ वकील माधवी दीवान ने कहा आपके निरंतर योगिक व्यवहार के साथ यह एक शानदार यात्रा रही है. श्री रोहतगी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति यह महसूस करके नहीं गया कि उसकी कभी सुनवाई नहीं हुई, मैं कहूँगी कि कोई भी व्यक्ति यह महसूस करके नहीं गया कि उसकी कभी सुनवाई नहीं हुई. दीवान याद करती हैं कि कैसे वह श्रीमती चंद्रचूड़ से मिलीं और पूछा कि उनके पोते-पोतियाँ क्या बनना चाहते हैं, तो उन्होंने कहा कि वे पूर्व सीजेआई बनना चाहते हैं.

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