दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतपे के प्रबंध निदेशक अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर (LOC) को रद्द कर दिया. एलओसी पिछले साल दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी को रद्द करने के बाद जारी किया गया था. न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने यह आदेश तब पारित किया, जब उन्हें सूचित किया गया कि समन्वय पीठ ने एफआईआर को रद्द कर दिया है.
ग्रोवर ने हाल ही में फिनटेक कंपनी के साथ विवादों के निपटारे के आधार पर एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी. अदालत ने कहा हालांकि आदेश की प्रति अभी उपलब्ध नहीं है, फिर भी पक्षों के वकील द्वारा उपर्युक्त तथ्य पर विवाद नहीं किया गया है. अदालत ने कहा गया इस तथ्य के मद्देनजर कि अंतर्निहित एफआईआर को रद्द कर दिया गया है ऐसे में जारी एलओसी कायम नहीं रहेगी.
दिल्ली पुलिस के ईओडब्ल्यू के कहने पर ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन द्वारा एलओसी जारी किया गया था. ईओडब्ल्यू की एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली याचिका ग्रोवर और अन्य ने दायर की थी. एफआईआर धारा 406, 408, 409, 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत दर्ज की गई थी. यह भारतपे द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी. आरोप लगाया गया था कि धन की हेराफेरी हुई थी और फिनटेक कंपनी को लगभग 80 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.
मामले में माधुरी जैन ग्रोवर, अशनीर ग्रोवर, दीपक जगदीशराम गुप्ता, श्वेतांक जैन और सुरेश जैन आरोपी थे. ग्रोवर और अन्य की ओर से उपस्थित वकील ने समन्वय पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया था कि 30 सितंबर को हुए समझौता समझौते के तहत दोनों पक्षों के बीच मामला सुलझ गया था.
–भारत एक्सप्रेस