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लखीमपुर खीरी हिंसा से संबंधित 12 आरोपियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी जमानत

जस्टिस कृष्ण पहल की पीठ ने कहा कि जहां तक ​​आवेदकों के आपराधिक इतिहास का सवाल है, राज्य ने ऐसा कोई साक्ष्य पेश नहीं किया है, जिससे पता चले कि आवेदकों ने अतीत में कानून की प्रक्रिया से बचने की को​शिश की हो.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते सोमवार (11 नवंबर) को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर, 2021 को हुई हिंसा के दौरान 5 लोगों की हत्या से संबंधित मामले में 12 आरोपियों को जमानत दे दी. अदालत ने कहा कि उनका मामला मुख्य आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के मामले से बेहतर स्थिति में है, जिन्हें इस साल जुलाई में शीर्ष अदालत ने जमानत दी थी.

अदालत ने यह भी माना कि वर्तमान मामले में क्रॉस-वर्जन है, सुप्रीम कोर्ट ने क्रॉस-वर्जन में चार आरोपियों को दी गई अंतरिम जमानत को पूर्ण कर दिया है, बड़ी संख्या में गवाहों की जांच की जानी बाकी है, इस बात की कोई संभावना नहीं है कि निकट भविष्य में मुकदमा समाप्त हो जाएगा और ऐसा कोई संकेत नहीं है कि आवेदकों ने पहले दी गई अंतरिम जमानत का दुरुपयोग किया है.

इन आरोपियों को मिली जमानत

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, जमानत पाने वाले आरोपियों में नंदन सिंह बिष्ट, लतीफ उर्फ ​​काले, सत्यम त्रिपाठी उर्फ ​​सत्य प्रकाश त्रिपाठी, शेखर भारती, धर्मेंद्र सिंह बंजारा, आशीष पांडे, रिंकू राणा, उल्लास कुमार त्रिवेदी उर्फ ​​मोहित त्रिवेदी, अंकित दास, लवकुश, सुमित जायसवाल और शिशुपाल शामिल हैं.

जस्टिस कृष्ण पहल की पीठ ने कहा कि जहां तक ​​आवेदकों के आपराधिक इतिहास का सवाल है, राज्य ने ऐसा कोई साक्ष्य पेश नहीं किया है, जिससे पता चले कि आवेदकों ने अतीत में कानून की प्रक्रिया से बचने की को​शिश की हो. अदालत ने कहा कि अगर आरोपी को जमानत का हकदार पाया जाता है, तो उसे केवल आपराधिक इतिहास के आधार पर जमानत देने से इनकार नहीं किया जा सकता.

लखीमपुर में क्या हुआ था

मालूम हो कि 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में हिंसा केंद्र के विवादित 3 कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई थी, जिन्हें अब निरस्त कर दिया गया है. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया था कि अशीष मिश्रा के एक वाहन ने प्रदर्शनकारियों के एक समूह को कुचल दिया, जिसमें से चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी. इसके बाद हुई हिंसा में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता शुभम मिश्रा और श्याम सुंदर निषाद तथा कार चालक हरिओम मिश्रा की मौत हो गई थी.

-भारत एक्सप्रेस



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