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सुखोई SU-30 MKI के निर्माण और अपग्रेड के लिए नासिक प्लांट को फिर शुरू करेगा HAL

नासिक प्लांट को दोबारा से शुरू करना ‘सुपर सुखोई’ उन्नयन भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे न केवल भारतीय वायुसेना की परिचालन शक्ति बल्कि एचएएल के मैन्युफैक्चरिंग और तकनीकी विशेषज्ञता भी बढ़ेगी.

प्रतीकात्मक फोटो.

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) अपने नासिक प्लांट (HAL Nashik Plant) के संचालन को फिर से शुरू करने के लिए तैयार है. यह फैसला सितंबर 2023 में स्वीकृत 1.3 बिलियन अमरीकी डॉलर के एक बड़े ऑर्डर के बाद लिया गया है. इस ऑर्डर में 12 नए सुखोई SU-30 MKI लड़ाकू विमानों के निर्माण की बात कही गई है.

84 विमानों को अपग्रेड करने की तैयारी

नासिक प्लांट को SU-30 MKI के लिए विनिर्माण केंद्र के रूप में ही स्थापित किया गया था. नासिक प्लांट का दोबारा से संचालन ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए भारत के प्रयासों को बढ़ावा देगा. नए उत्पादन ऑर्डर के अलावा, ‘सुपर सुखोई’ कार्यक्रम के तहत 84 मौजूदा SU-30 MKI लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करने की तैयारी की जा रही है. इस अपग्रेड योजना पर लगभग 63,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.

नए SU-30 MKI के नासिक प्लांट से सप्लाई अगले कुछ वर्षों में शुरू होने की उम्मीद है, जिससे भारतीय वायुसेना के परिचालन बेड़े को बढ़ावा मिलेगा.

अधिक रेंज वाली एडवांस रडार सिस्टम

एडवांस ‘सुपर सुखोई’ जेट में मौजूदा मॉडलों की तुलना में 1.5 से 1.7 गुना अधिक रेंज वाली एडवांस रडार सिस्टम, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) द्वारा विकसित इन्फ्रारेड सर्च और ट्रैक (आईआरएसटी) सेंसर और अत्याधुनिक मिशन कंप्यूटर शामिल होंगे. सुपर सुखोई पहल इन विमानों की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने को लेकर अहम होगी, जिसमें स्वदेशी टेक्नोलॉजी और एडवांस फीचर्स शामिल होंगे.

‘सुपर सुखोई’ अपग्रेड कार्यक्रम के पूरा होने की अपेक्षित समय-सीमा तय नहीं हैं. इसमें सालों लग सकते हैं. प्रारंभिक चरण अंतिम सरकारी मंजूरी के तुरंत बाद शुरू होने का अनुमान है. विशेषज्ञों को उम्मीद है कि पूर्ण आधुनिकीकरण प्रयास अगले 8-10 वर्षों में सामने आएगा, जिससे वायु सेना की क्षमताओं में चरणबद्ध तरीके से वृद्धि होगी.

नासिक प्लांट को दोबारा से शुरू करना ‘सुपर सुखोई’ उन्नयन भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे न केवल भारतीय वायुसेना की परिचालन शक्ति बल्कि एचएएल के मैन्युफैक्चरिंग और तकनीकी विशेषज्ञता भी बढ़ेगी.

-भारत एक्सप्रेस

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