चालू वित्त वर्ष में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) पर माल ढुलाई की मात्रा में भारी उछाल आया है. इस उछाल के साथ यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में दोगुने स्तर पर पहुंच गया है. यह कॉरिडोर, जिनमें पूर्वी और पश्चिमी सेक्शन पिछले साल चालू हुए, देश के रेल नेटवर्क द्वारा संभाले जाने वाले कुल माल ढुलाई में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद कर रहा है.
माल ढुलाई दोगुनी हुई
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, अप्रैल और अक्टूबर 2024 के बीच, कॉरिडोर पर नेट टन किलोमीटर (NTKM) के रूप में मापा गया माल 62,282 मिलियन था, जो प्रति दिन 292.4 मिलियन के बराबर है. पिछले वर्ष यह 32,164 मिलियन, या प्रति दिन 151 मिलियन थी.माल यातायात का दोगुना होना 522 किलोमीटर डीएफसी (Dedicated Freight Corridor) नेटवर्क के कारण है.
एक अधिकारी ने कहा, “पश्चिमी डीएफसी पर बचे हुए 102 किलोमीटर का काम 2025 के अंत तक पूरा होने के बाद हमें माल ढुलाई में 20% की वृद्धि की उम्मीद है. वित्त वर्ष 2025 के लिए यातायात आय भी पिछले रिकॉर्ड से बहुत अधिक होने की उम्मीद है.”
डीएफसी पर माल का भार 3% बढ़ा
पश्चिमी कॉरिडोर का वैतरणा-जेएनपीटी (जवाहरलाल नेहरू पोर्ट) सेक्शन इस मेगा प्रोजेक्ट का आखिरी चरण है, जो किन्हीं वजहों के कारण देरी का सामना कर रहा है. 2017 में टाटा प्रोजेक्ट्स को इस सेक्शन के लिए ठेका दिया गया था, लेकिन धीमी प्रगति के कारण DFCCIL ने 2022 में उसे समाप्त कर दिया. बाद में टाटा द्वारा काम में तेजी लाने का वादा करने के बाद समाप्ति को रद्द किया गया.
अधिकारी ने कहा कि रेलवे से डीएफसी में माल ढुलाई में लगातार बदलाव हो रहा है. जुलाई में डीएफसी, रेलवे के माल भार का लगभग 10% वहन कर रहा था. अक्टूबर तक यह संख्या बढ़कर 13% हो गई है.
कॉरिडोर को रोज 480 ट्रेनें चलेगीं
अधिकारी ने बताया कि, “हमारा उद्देश्य पूर्वी डीएफसी और पश्चिमी डीएफसी के समानांतर चलने वाले सेक्शन पर रेलवे के 70% ट्रैफिक को इस पर लाना था. पूर्वी डीएफसी में, जो पूरी तरह से चालू हो चुका है, उस पर हम पहले ही 80% को पार कर चुके हैं. पश्चिमी डीएफसी पर यह संख्या 60% से कम है. यह इसके बावजूद हुआ जब डीएफसी रेल नेटवर्क के सिर्फ 4% हिस्से को कवर करता है.
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हम पूरे नेटवर्क में प्रतिदिन 350 से अधिक ट्रेनें चला रहे हैं. हालांकि, क्षमता को और बढ़ाने की गुंजाइश है, क्योंकि कॉरिडोर को प्रतिदिन औसतन 480 ट्रेनें चलाने के लिए डिजाइन किया गया है.”
GTKM में 80% की वृद्धि
ग्रॉस टन किलोमीटर प्रति दिन (GTKMs) के मामले में, जिसमें वैगन, इंजन, ब्रेक वैन और कार्गो का वजन शामिल है, DFC ने अप्रैल से अक्टूबर 2024 के बीच 106,277 मिलियन GTKM रिपोर्ट की, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 80% अधिक था.
1506 किलोमीटर लंबे पश्चिमी DFC पर ट्रैफिक में कंटेनर, सीमेंट, पेट्रोलियम उत्पाद, ट्रक-ऑन-ट्रेन और छोटे माल शामिल हैं. 1337 किलोमीटर लंबे पूर्वी DFC पर अधिकतर कोयला, लोहा और इस्पात, उर्वरक, खाद्यान्न और कंटेनर ढोए जाते हैं.
-भारत एक्सप्रेस