अप्रैल-अक्टूबर छमाही के दौरान भारत के व्यापारिक निर्यात में लगातार वृद्धि जारी रही, जिसमें शीर्ष 30 क्षेत्रों में से 21 ने मूल्य में वृद्धि दर्ज की, जो भारतीय वस्तुओं की बढ़ती वैश्विक मांग के कारण हुआ है. इस लाभ में फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग सामान जैसे प्रमुख क्षेत्रों में वृद्धि ने योगदान दिया, जबकि पारंपरिक रूप से मजबूत क्षेत्र पेट्रोलियम, रत्न और आभूषण में विकसित बाजारों में सुस्त आर्थिक वृद्धि के की वजह से तेज गिरावट दर्ज की गई.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-अक्टूबर छमाही के दौरान व्यापारिक निर्यात मूल्य के संदर्भ में $252.28 बिलियन रहा, जो एक साल पहले $244.51 बिलियन था. अक्टूबर में भारत का व्यापारिक निर्यात $39.2 बिलियन रहा, जो सितंबर में $34.58 बिलियन और एक साल पहले $33.43 बिलियन से अच्छी वृद्धि है. भले ही कुछ क्षेत्र वैश्विक चुनौतियों से जूझ रहे हों फिर भी ये ताजा निर्यात आंकड़े भारत के निर्यात पोर्टफोलियो के लचीलापन को दर्शातें है.
इस अवधि के दौरान जिन वस्तुओं में उच्च वृद्धि देखी गई उनमें चाय, कॉफी, तम्बाकू, मसाले, रेडीमेड वस्त्र और कालीन, हस्तशिल्प और प्लास्टिक लिनोलियम शामिल हैं. अप्रैल-अक्टूबर के दौरान, जिन क्षेत्रों में वृद्धि में वार्षिक गिरावट दर्ज की गई उनमें अनाज, तेल भोजन, तिलहन, समुद्री उत्पाद, लौह अयस्क, सिरेमिक उत्पाद और कांच के बने पदार्थ, रत्न और आभूषण, और पेट्रोलियम उत्पाद शामिल हैं.
इन क्षेत्रों में हुई वृद्धि
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, निर्यात के हिस्सों में लगभग 25% हिस्सेदारी वाले इंजीनियरिंग सामान का मूल्य अप्रैल-अक्टूबर के दौरान सालाना 9.73% बढ़कर 67.49 बिलियन डॉलर हो गया. इलेक्ट्रॉनिक सामानों का निर्यात सालाना 23.70% बढ़कर 19.07 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि दवाओं और फार्मास्युटिकल उत्पादों का शिपमेंट इस अवधि के दौरान 7.97% बढ़कर 17.05 बिलियन डॉलर हो गया. जैविक और अकार्बनिक रसायनों का निर्यात 7.70% बढ़कर 16.83 बिलियन डॉलर हो गया, हस्तशिल्प निर्यात 13.9% बढ़कर 1.05 बिलियन डॉलर हो गया, चावल निर्यात 5.27% बढ़कर 6.17 बिलियन डॉलर हो गया और तंबाकू निर्यात 38.1% बढ़कर 1.19 बिलियन डॉलर हो गया.
पेट्रोलियम निर्यात सालाना 14.04% गिरकर 40.94 बिलियन डॉलर और रत्न एवं आभूषण निर्यात 7.73% गिरकर 17.17 बिलियन डॉलर रह गया.
पेट्रोलियम निर्यात में 14% गिरावट आई
आर्थिक थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने एक नोट में कहा, “पेट्रोलियम निर्यात में 14% की गिरावट आई है, लाल सागर आपूर्ति मार्गों में व्यवधान और उच्च उत्पादन लागत के कारण यूरोपीय मांग में कमी आई है, जिससे विकास में बाधा आई है. हीरा और आभूषण क्षेत्र में 7.7% की गिरावट आई है, जो प्रयोगशाला में उगाए गए हीरों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं और अमेरिकी बाजार में कम मांग के दबाव में है.”
इसमें कहा गया है, “वर्तमान रुझानों के साथ, भारत का वित्त वर्ष 2025 का व्यापारिक निर्यात लगभग 435 बिलियन डॉलर हो सकता है. वर्तमान व्यापार डेटा मिश्रित निर्यात प्रदर्शन को रेखांकित करता है, जिससे उभरती चुनौतियों से निपटने और विकास को बनाए रखने के लिए प्रमुख क्षेत्रों और बाजारों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है.”
अप्रैल-अक्टूबर के दौरान भारत के शीर्ष 10 वस्तु निर्यात देशों में अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड, ब्रिटेन, सिंगापुर, चीन, सऊदी अरब, बांग्लादेश, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया थे. विश्व व्यापार संगठन (WTO) को उम्मीद है कि 2024 में व्यापार की मात्रा 2.6% और 2025 में 3.3% बढ़ेगी, हालांकि भू-राजनीतिक जोखिम बने रहेंगे.
-भारत एक्सप्रेस
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