दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली सरकार से राजधानी में बम की धमकियों एवं उससे उत्पन्न आपात स्थितियों से निपटने के लिए व्यापक कार्य योजना और विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाने को कहा है. साथ ही उसके बन जाने के बाद उसे जल्द से जल्द या आठ सप्ताह के भीतर लागू करने को कहा है.
जस्टिस संजीव नरूला ने कहा कि कार्य योजना व एसओपी में कानून पालन करवाने वाले एजेंसियों, स्कूल प्रबंधन और नगर निगम अधिकारियों सहित सभी हितधारकों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया जाए, जिससे निर्बाध समन्वय व कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके. उन्होंने यह दिशा-निर्देश राजधानी में बच्चों, शिक्षकों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों में बम की धमकियों से निपटने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना बनाने की मांग करने वाली अधिवक्ता अर्पित भार्गव की याचिका का निपटारा करते हुए दिया. उन्होंने कहा था कि ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए कोई कार्य योजना नहीं है.
आपदा की जानकारी के लिए निवारण तंत्र बनांए
जस्टिस संजीव नरूला ने इसके साथ ही सरकार से स्कूल, कानून पालन करवाने वाले एजेंसियों, संबंधित नगर निगम अधिकारियों और अन्य राज्य विभागों के प्रतिनिधियों सहित सभी हितधारकों के परामर्श से एसओपी को शामिल करते हुए कार्य योजना को अंतिम रूप देने को कहा है. इनके अंतिम रूप दिए जाने के बाद उसे सभी संबंधित पक्षों के बीच प्रसारित करने को कहा है. उसके कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों के कर्मचारियों, छात्रों और अन्य हितधारकों के लिए नियमित प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया जाए.
कोर्ट ने सरकार से कहा कि आपदा की जानकारी देने के लिए शिकायत निवारण तंत्र बनाया जाए. साथ ही इन सब से निपटने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार किया जाए. अधिकारी भी बम की धमकियों से निपटने के लिए खुद को तैयार करें. कोर्ट ने कहा कि ऐसे काम करने वाले अपराधियों को दंडित किया जाए जिससे आम लोगों के बीच संदेश जाए कि ऐसे कार्य करने वाले को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.
-भारत एक्सप्रेस
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