वैष्णो देवी में प्रस्तावित रोपवे परियोजना का पिछले 4 दिनों से विरोध हो रहा है.
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के कटरा (Katra) में सोमवार (25 नवंबर) को उस समय तनाव बढ़ गया, जब त्रिकुटा पहाड़ियों के ऊपर वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi) ट्रेक मार्ग पर प्रस्तावित रोपवे परियोजना (Ropeway Project) के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हो गई.
समाचार एजेंसी ANI द्वारा साझा किए गए फुटेज में प्रदर्शनकारियों को सुरक्षाकर्मियों पर पथराव करते और CRPF के वाहन में तोड़फोड़ करते हुए दिखाया गया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई.
रियासी के SSP परमवीर सिंह ने कहा कि पिछले तीन दिनों से शांतिपूर्ण चल रहा विरोध प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गया, जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पथराव करना शुरू कर दिया.
STORY | Protesters clash with police during anti-ropeway agitation in J-K's Katra
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(Full video available on PTI Videos – https://t.co/dv5TRAShcC) pic.twitter.com/aGowmkiQqa
— Press Trust of India (@PTI_News) November 25, 2024
पुलिस पर फेंके गए पत्थर
सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ‘पिछले तीन दिनों से लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और हम स्थिति को संभाल रहे हैं. हालांकि, आज कुछ लोगों ने पुलिस पर पत्थर फेंके. हम स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए काम कर रहे हैं और जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल होने की उम्मीद है.’
बीते रविवार (24 नवंबर) को दुकानदारों और मजदूरों ने अपनी हड़ताल के तीसरे दिन विरोध रैली निकाली और वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों के लिए आधार शिविर कटरा में उपखंड मजिस्ट्रेट कार्यालय और शालीमार पार्क के बाहर धरना दिया. शुक्रवार को दुकानदारों और टट्टू और पालकी मालिकों द्वारा शुरू की गई हड़ताल अब अपने चौथे दिन में प्रवेश कर गई है.
#WATCH | Katra, J&K: Paramvir Singh, SSP Reasi says, "Here people have been protesting for the past 3 days and we were handling that. Today some of them pelted stones at the police team, we are trying to handle the situation, hopefully, soon there will be normalcy…" https://t.co/uFsmQUkSf9 pic.twitter.com/xlDLfEovwq
— ANI (@ANI) November 25, 2024
बंद रहीं दुकानें
कटरा के बेस कैंप में व्यवसाय खुले हैं. इस बीच अर्धकुंवारी मंदिर क्षेत्र से भवन मार्ग तक श्रद्धालुओं के लिए बैटरी कार सेवा और हेलीकॉप्टर सेवा सुचारू रूप से चालू रही. हालांकि बाणगंगा से चरण पादुका तक तीर्थयात्रा मार्ग पर दुकानें बंद हैं. बताया जा रहा है कि भवन मार्ग के बाणगंगा से लेकर मिल्कबार क्षेत्र तक की सभी दुकानें बंद रहीं.
#WATCH | J&K | Pony and palanquin owners hold a protest against the Mata Vaishno Devi ropeway project, in Katra
They (Pony and palanquin owners) called the protest on November 22 that continues till today opposing ₹250-crore ropeway project between Tarakote Marg and Sanji Chhat… pic.twitter.com/5iCCWw1fUU
— ANI (@ANI) November 25, 2024
यात्रियों को हुई परेशानी
घोड़ा, टट्टू और पालकी सेवाओं के निलंबन ने तीर्थयात्रियों, विशेष रूप से बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए चुनौतियों को बढ़ा दिया है, जिससे उनकी पवित्र यात्रा और भी कठिन हो गई है. मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं ने पैदल ही यात्रा की.
स्थानीय लोगों ने चिंता व्यक्त की है कि प्रस्तावित रोपवे परियोजना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएगी और उनकी आजीविका को भी प्रभावित करेगी. उनका दावा है कि इससे कई लोग बेरोजगार हो सकते हैं. उन्होंने अधिकारियों पर पर्याप्त सार्वजनिक परामर्श के बिना परियोजना को आगे बढ़ाने का भी आरोप लगाया.
#WATCH | Pony and palanquin owners hold protest against the Mata Vaishno Devi ropeway project, in Katra pic.twitter.com/cyMMuqMfmG
— ANI (@ANI) November 25, 2024
एलजी का आश्वासन
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (LG Manoj Sinha) ने प्रदर्शनकारियों की चिंताओं को संबोधित किया और उन्हें रोजगार के बारे में आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि संभागीय आयुक्त के नेतृत्व वाली एक समिति परियोजना की सावधानीपूर्वक समीक्षा कर रही है और प्रभावित स्थानीय लोगों के पुनर्वास के तरीके तलाश रही है. एलजी ने जोर देकर कहा कि समुदाय की वैध चिंताओं को दूर किया जाएगा. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि क्षेत्र का विकास योजना के अनुसार हो.
क्या है परियोजना
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (SMVDSB) ने तीर्थयात्रियों को सुरक्षित और तेज यात्रा प्रदान करने के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित रोपवे परियोजना की घोषणा की है. 250 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली यह परियोजना 12 किलोमीटर के ट्रैक के साथ ताराकोट मार्ग को सांझी छत से जोड़ेगी. श्राइन बोर्ड के सीईओ अंशुल गर्ग ने परियोजना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘रोपवे एक गेम-चेंजर साबित होगा, खासकर उन तीर्थयात्रियों के लिए जिन्हें मंदिर तक की खड़ी चढ़ाई चुनौतीपूर्ण लगती है.’
-भारत एक्सप्रेस
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