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PM Kisan Yojana: फर्जी लाभार्थियों से वसूले ₹335 करोड़, सरकार ने संसद में कहा- जो लाभ के पात्र नहीं उनसे वापस ली राशि

केंद्र सरकार ने बताया कि पीएम किसान योजना के लाभार्थियों के डेटा की बड़े पैमाने पर जांच की गई, जिसमें गैर-किसानों और अयोग्य किसानों से कुल 335 करोड़ रुपये की राशि वापस वसूल कर ली गई है.

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पीएम किसान योजना: सरकार का दावा- किसानों को 18 किश्तों में ₹3.46 लाख करोड़ वितरित किए

PM Kisan Yojana : केंद्र सरकार ने पीएम-किसान योजना के तहत गलत तरीके से लाभ लेने वाले गैर-किसानों और अयोग्य किसानों से ₹335 करोड़ की राशि वसूल की है. यह जानकारी केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भगीरथ चौधरी ने संसद दी है. उन्होंने बताया कि योजना शुरू होने के बाद से अब तक 18 किश्तों में ₹3.46 लाख करोड़ की राशि किसानों को वितरित की जा चुकी है.

मालूम हो कि देश में पीएम-किसान योजना (PM-Kisan Programme) का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है. इस योजना के तहत, प्रत्येक पात्र किसान परिवार को ₹6,000 वार्षिक सहायता दी जाती है, जो तीन बराबर किश्तों में ₹2,000 के रूप में वितरित की जाती है. इस योजना की शुरुआत 24 फरवरी, 2019 को हुई थी. लाभार्थियों की पहचान राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है और इसमें भूमि स्वामित्व और आय सीमा जैसी शर्तें शामिल हैं.

पीएम-किसान योजना की पात्रता-सत्यापन

शुरुआत में यह योजना एक भरोसेमंद पद्धति पर आधारित थी, जिसमें लाभार्थियों का पंजीकरण स्व-प्रमाणन के आधार पर किया गया था. बाद में योजना में पारदर्शिता लाने के लिए आधार कार्ड, भूमि रिकॉर्ड और आयकर डेटा के साथ लाभार्थियों का सत्यापन अनिवार्य किया गया. सरकार ने ई-केवाईसी और आधार आधारित पेमेंट को भी लागू किया.

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फर्जी लाभार्थियों के खिलाफ उठे कदम

संसद सत्र के दौरान केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने लोकसभा में बताया कि सरकार की ओर से कई तकनीकी सुधारों के बाद, फर्जी लाभार्थियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई. इस प्रक्रिया में गैर-किसानों, आयकरदाताओं, सरकारी कर्मचारियों और अधिक पेंशन पाने वालों को योजना से बाहर किया गया. उन्‍होंने कहा कि अब तक ₹335 करोड़ की राशि वापस ली जा चुकी है.

सरकार का दावा है कि इन उपायों से योजना में पारदर्शिता बढ़ी है और असली किसानों तक सहायता पहुंच रही है.

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