प्रतीकात्मक चित्र
राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल ने अब तक 9.94 लाख शिकायतों का समाधान करते हुए 3,431 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि बचाई है. यह जानकारी उपभोक्ता मामले और खाद्य राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा ने बुधवार को संसद में दी.
पोर्टल cybercrime.gov.in वित्तीय धोखाधड़ी की तत्काल रिपोर्टिंग और ठगों द्वारा धन की हेराफेरी को रोकने के लिए बनाया गया है. इसका लक्ष्य नागरिकों को साइबर अपराध से बचाना और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को जल्द से जल्द कार्रवाई में मदद करना है.
कैसे काम करता है पोर्टल?
‘सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग और मैनेजमेंट सिस्टम’ शिकायतों को सीधे उस राज्य की पुलिस तक पहुंचा देता है, जहां घटना हुई है. इससे पुलिस जल्दी कार्रवाई कर सकती है. जो व्यक्ति शिकायत दर्ज करता है, उसे अपना पैसा बचाने के लिए तुरंत कदम उठाने का मौका मिलता है.
लोकसभा में लिखित जवाब देते हुए मंत्री बी.एल. वर्मा ने कहा कि यह पोर्टल वित्तीय साइबर अपराधों से निपटने में काफी कारगर साबित हुआ है. उन्होंने यह भी बताया कि बड़ी संख्या में शिकायतों का समाधान करने से ठगों द्वारा हेराफेरी किए गए धन को बचाने में मदद मिली है.
प्रचार और जागरूकता
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वे इस पोर्टल और इसके टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1930 का प्रचार करें. इसका मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस सेवा का इस्तेमाल करें और साइबर अपराधों से बच सकें.
यह पोर्टल लोगों के पैसे को सुरक्षित रखने और साइबर अपराध रोकने में मदद कर रहा है. जल्दी कार्रवाई और जागरूकता बढ़ाकर यह लोगों को ठगी से बचाने में सहायक साबित हो रहा है.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.