राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
दिल्ली में अजय माकन के केजरीवाल पर दिए बयान के बाद बैकफुट पर आई केंद्रीय कांग्रेस अब फिर हमलावर होने के मूड में है. दरअसल, केजरीवाल का लगातार कांग्रेस पर हमलावर होना और इंडिया दल के नेताओं के रुख के बाद कांग्रेस अपनी रणनीति बदलने जा रही है.
दिल्ली में आप और कांग्रेस का विवाद यहां तक बढ़ा कि इंडिया गठबंधन में कांग्रेस अकेले पड़ गयी. दिल्ली के चुनाव को दिल्ली कांग्रेस vs आप कहकर कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व बैकफुट पर भी आ गया. लेकिन सूत्रों ने बताया है कि केजरीवाल ने कांग्रेस पर इतने हमले किये कि, अब पार्टी के बड़े नेताओं और मीडिया विभाग ने आलाकमान से गुज़ारिश की है कि अब हमको भी केजरीवाल के खिलाफ लड़ाई में आल आउट जाना चाहिए. कांग्रेस रणनीतिकारों का मानना है कि, अजय माकन के एंटी नेशनल केजरीवाल वाले बयान के बाद आलाकमान ने उन पर रोक लगा दी. सिर्फ दिल्ली के नेता केरल में कांग्रेस vs लेफ्ट के फार्मूले पर लड़ने की रणनीति पर बढ़े, तो भी केजरीवाल ने आल आउट हमला जारी रखा.
केजरीवाल के खिलाफ कांग्रेस की रणनीति
ऐसे में अब कांग्रेस के रणनीतिकारों ने तय किया है कि वो भी बीजेपी के साथ ही केजरीवाल के खिलाफ आल आउट अटैक पर जाने को तैयार हैं. ऐसे में विदेश से लौटने के बाद अगले हफ्ते की शुरुआत में दिल्ली में होने वाली राहुल की रैली पर सबकी निगाहें टिकी हैं.
हालांकि, शुरुआत में सन्दीप दीक्षित को केजरीवाल के खिलाफ, मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ अलका लांबा को उतारते ही अजय माकन केजरीवाल पर हमलावर हुए तो लगा कि, कांग्रेस दिल्ली के मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए गम्भीर है. लेकिन बाद में केंद्रीय नेतृत्व की दूरी और माकन की चुप्पी से दिल्ली में पार्टी के अभियान पटरी से उतरा ही नहीं बल्कि हिचकोले खाता नज़र आने लगा.
ऐसे में अब अगर केंद्रीय नेतृत्व और राहुल फिर रणनीति बदलकर सियासी मैदान में कूदते हैं तो भी सवाल उठेगा कि, कहीं देर तो नहीं हो गयी, सियासी मुट्ठी पहले ही खुलकर जनता के सामने तो नहीं आ गयी, जिस नुकसान की सियासी भरपाई बहुत मुश्किल है.
-भारत एक्सप्रेस
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