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सिक्किम के अंतिम राजा पाल्डेन की मनाई गई 100वीं जयंती, राजकीय अवकाश घोषित करने की उठी मांग

गंगटोक के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ तिब्बतोलॉजी परिसर में सिक्किम के अंतिम राजा 12वें चोग्याल पाल्डेन थोंडुप नामग्याल की 100वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई।

गंगटोक के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ तिब्बतोलॉजी परिसर में सिक्किम के अंतिम राजा 12वें चोग्याल पाल्डेन थोंडुप नामग्याल की 100वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई. कार्यक्रम में शाही वंश के 13वें चोग्याल वांगचुक नामग्याल, प्रिंस पाल्डेन ग्युर्मेड नामग्याल, प्रिंसेस होप लीजुम नामग्याल ने भी शिरकत की. इसके अलावा सिक्किम और भूटान के शाही परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले विशिष्ट प्रतिनिधियों के अलावा अंतिम राजा के बच्चे भी कार्यक्रम में शामिल हुए. वहीं 12वें चोग्याल पाल्डेन थोंडुप नामग्याल की जयंती कार्यक्रम में सिक्किम के सीएम प्रेम सिंह गोले किन्ही कारणों के चलते कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए. मुख्यमंत्री गोले की गैरमौजूदगी में राज्य के शिक्षा मंत्री कुंगा नीमा लेप्चा के अलावा चर्च संबंधी मामलों के मंत्री सोनम लामा और मंत्री समदुप लेप्चा ने सरकार का प्रतिनिधित्व किया. तीन दिनों तक चले इस जयंती कार्यक्रम के भव्य उत्सव ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया था। साथ ही सालभर चलने वाले जन्म शताब्दी कार्यक्रम का समापन हो गया.

पाल्डेन थोंडुप ने अपने पीछे एक बड़ी विरासत छोड़ी है- वांगचुक

जयंती उत्सव के दौरान 13वें चोग्याल वांगचुक नामग्याल ने बताया कि किस तरह से राजा पाल्डेन थोंडुप नामग्याल को प्यार और स्नेह देते थे. साथ ही उन्होंने सिक्किम राज्य के लोगों की भलाई के लिए कितना काम किया. वांगचुक ने बताया कि पाल्डेन थोंडुप ने राज्य के विकास को लेकर तमाम योजनाएं चलाई. इसके अलावा राज्य में अमन-चैन कायम रहे, इसके लिए बेहतर काम किया. लोगों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाया. वांगचुक ने आगे बताया कि पाल्डेन थोंडुप ने अपने पीछे एक बड़ी विरासत छोड़ी है. जिसे युवाओं को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी. इसके अलावा जिंदगी में सीखने के लिए उनके सामने ढेरों अवसर होंगे.

13वें चोग्याल वांगचुक ने आगे कहा कि ये अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन यह तभी मायने रखेगा जब सिक्किम राज्य के लोगों के लिए इसका कोई मतलब हो. हम उम्मीद कर रहे हैं कि अब 100 साल तक इंतजार नहीं करेंगे. लोग हर दिन राजा को याद करेंगे कि वाकई में वे उनके लिए क्या करने की कोशिश कर रहे थे. 12वें चोग्याल पाल्डेन थोंडुप की जयंती पर सरकार से राजकीय अवकाश घोषित करने की मांग की गई है. उम्मीद है कि सरकार इसका समर्थन करेगी.

-भारत एक्सप्रेस

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