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इस दुर्लभ बीमारी के कारण ‘छिपकली’ जैसी दिखने लगी यह महिला, जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान

अमेरिका की इस महिला ने बताया कि जब एक रोज वह सोकर उठी तो उसके हाथ छिपकली की चमड़ी की तरह चकत्तेदार, सूखी और अजीबोगरीब निशानों वाली बन गई थी. उसने कई मेडिकल टेस्ट करवाए, पर जब उसकी असली बीमारी के बारे में पता चला, तो उसके होश उड़ गए.

ajab gajab, सोकर उठी महिला और छिपकली बन गई

ajab gajab, सोकर उठी महिला और छिपकली बन गई

आजकल दुनिया में कई अजीबो-गरीब बीमारियां है, जिनके बारे में आम लोगों को जानकारी ही नहीं है. कई बार लोगों के साथ कुछ ऐसा हो जाता है कि एक रात में उनकी जिंदगी बदल जाती है. कभी शरीर में ऐसे बदलाव होने लगते हैं कि समझ से परे होते हैं. ऐसी ही कुछ अमेरिका की इस महिला के साथ भी हुआ जब अचानक सुबह वो सोकर उठी तो ‘छिपकली’ बन चुकी थी!

दरअसल, लौरा ओटिंग नाम की महिला ने बताया कि जब एक रोज वह सोकर उठी तो उसके हाथ छिपकली की चमड़ी की तरह चकत्तेदार, सूखी और अजीबोगरीब निशानों वाली बन गई थी. उसने कई मेडिकल टेस्ट करवाए, पर जब उसकी असली बीमारी के बारे में पता चला, तो उसके होश उड़ गए. महिला ने कहा कि लक्षण तो कुछ दिनों से थे, पर अचानक जब वो एक दिन सुबह उठी, तब लक्षण ने ज्यादा बड़ा रूप ले लिया था. ये बीमारी इतनी रेयर है कि पूरे अमेरिका में केवल 800 लोगों को है.

ऐसे शुरू हुए लक्षण

रिपोर्ट के अनुसार लौरा ओटिंग ने अपनी इस अजीबोगरीब कंडीशन के बारे में बताया. लौरा ने कहा कि नवंबर 2020 के अंत तक उन्हें सूखी खांसी आने लगी. उन्हें लगा कि वो कोविड का शिकार हो चुकी हैं. इस वजह से उन्होंने अगले 1 महीने में दर्जनों कोविड-19 के टेस्ट करवा लिए. पर वो सारे ही टेस्ट निगेटिव थे. उसके बावजूद उन्हें खांसी लगातार आई जा रही थी.

लौरा ने बताया इतनी बीमार पड़ गई कि उसकी उंगलियों की त्वचा छिल गई, जिसका मतलब है कि वह अपने फिंगरप्रिंट की मदद से  फोन भी अनलॉक नहीं कर सकती थीं. 32 ब्लड टेस्ट और कई बायोप्सी के बाद, उन्हें दुर्लभ ऑटोइम्यून बीमारी पिटिरियासिस रूब्रा पिलारिस (RPR) Pityriasis rubra pilaris का पता चला.

घंटों तक गुनगुने पानी में बैठी रहती है

लौरा ने अपनी बीमारी के अजीब लक्षणों को ऑनलाइन खोजते हुए कई रातें बिताईं और अपने शरीर पर दर्दनाक खरोंचों से परे से परेशान रहीं. उन्होंने कहा, “मुझे ऐसा लगता है जैसे मेरा शरीर बाहर से खुद को खाने की कोशिश कर रहा है. मैं घंटों तक गुनगुने पानी में बैठी रहती हूं ताकी मुझे आराम मिले. कीमो और एक ऑफ-लेबल दवा के कई दौर से गुजरने के बाद, लौरा अब  थोड़ी ठीक हैं.

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