डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान देने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले पर अब तक बीजेपी और हिंदूवादी संगठन डीएमके के बहाने ‘इंडिया अलायंस’ को घेरते रहे हैं. सनातन धर्म को लेकर विवादित बयानबाजी पर आम आदमी पार्टी भी अपनी आपत्ति जता चुकी है. वहीं कई दल डीएमके नेता के इस बयान से किनारा किए हुए हैं. इस बीच आचार्य प्रमोद कृष्णम सनातन के खिलाफ बयान देने वालों पर जमकर बरसे और उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के खिलाफ बोलने वाले रावण के वंशज हैं, इनका सर्वनाश सुनिश्चित है. यही नहीं, प्रमोद कृष्णम ने कहा कि सनातन के खिलाफ बोलने वालों को ‘NDIA’ गठबंधन से बाहर करना चाहिए.
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य भी रामचरितमानस से लेकर हिंदू धर्म तक को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं. इस पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि यूपी में सपा को भी यह तय करना होगा कि वे रामचरितमानस के साथ हैं, रामायण के साथ हैं, भगवान राम के साथ हैं या फिर भगवान राम और रामचरितमानस को गाली देने वालों के साथ हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य ने पहले रामचरितमानस पर सवाल उठाए थे, इसके बाद वे ब्राह्मणों, ब्रह्माजी से लेकर हिंदू धर्म तक को लेकर विवादित बयान देकर समाजवादी पार्टी की मुश्किलें बढ़ा चुके हैं. बता दें कि समाजवादी पार्टी भी ‘इंडिया’ अलायंस का हिस्सा है.
सनातन धर्म को लेकर उदयनिधि के विवादित बयान के बाद सियासत गरमाई हुई है. बीजेपी डीएमके नेता के विवादित बयान को लेकर कांग्रेस-डीएमके समेत पूरे ‘इंडिया अलायंस’ पर हमलावर हैं. बीजेपी के शीर्ष नेता इस मुद्दे को हाथ से नहीं जाने देना चाहते हैं और उन्होंने तो ये तक कह दिया कि सनातन के संस्कारों को मिटाना ‘इंडिया’ अलायंस एजेंडा है. बीजेपी के इन हमलों से ‘इंडिया अलायंस’ पहले ही बैकफुट पर है. दूसरी तरफ, उदयनिधि स्टालिन के विवादित बयानबाजी करने का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. उदयनिधि ने सनातन को खत्म करने की अपनी बात दोहराई है, जिसको लेकर एक बार फिर सियासी पारा चढ़ा हुआ है.
इंडिया अलायंस की मुश्किल ये है कि एक तरफ कांग्रेस पार्टी ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ की राजनीति को लेकर आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है, जिसमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी से लेकर कमलनाथ तक शामिल हैं. जबकि ‘इंडिया’ अलायंस के एक घटक डीएमके के नेता सनातन धर्म को खत्म करने की बात करते हैं. ऐसे में न चाहते हुए भी इन्होंने बीजेपी के हाथ वो मुद्दा दे दिया है, जिसे वह लोकसभा चुनाव 2024 तक भुनाना चाहेगी. इसी साल एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव भी होने हैं, ऐसे में सनातन का मुद्दा इन चुनावों में हावी रह सकता है.
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सनातन के खिलाफ बयानबाजी लोकसभा चुनाव 2024 में भी ‘इंडिया’ अलायंस की मुश्किलों को बढ़ाने वाली हो सकती है. सीट शेयरिंग और पीएम फेस को लेकर पहले से ही खींचतान की स्थिति बनी हुई है. जबकि साझा रैली रद्द होने के बाद बीजेपी दावा कर रही है कि लोगों के गुस्से को देखते हुए विपक्षी गठबंधन ने साझा रैली को रद्द करने का फैसला लिया है. ऐसे में सनातन के खिलाफ उदयनिधि का बयान इंडिया अलायंस के लिए गले का फांस बनता जा रहा है.
-भारत एक्सप्रेस
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