Innovation in India: हाल ही में प्रसिद्ध कंसल्टिंग कंपनी बीसीजी ग्रुप (BCG Group) ने वर्ष 2023 के 50 सबसे इनोवेटिव कंपनियों (Innovative Companies) की लिस्ट जारी की है. रिपोर्ट में जहां मोबाइल निर्माता कंपनी एप्पल ने अपना पहला स्थान बरकरार रखा है, वहीं टेस्ला तीन पायदान बढ़कर दूसरे नंबर पर पहुंच गई है. अमेजॉन, अल्फाबेट, माइक्रोसॉफ्ट को क्रमशः तीसरा, चौथा और 5वां स्थान मिला है. भारतीय कंपनियों में सिर्फ टाटा ग्रुप (Tata Group) को ही विश्व की 50 इनोवेटिव कंपनियों की सूची में जगह मिल पाई है. सूची में टाटा को 20वां स्थान मिल पाया है.
बीसीजी ग्रुप के सर्वेक्षण में 79% कंपनियों ने इनोवेशन (Innovation) को अपनी शीर्ष तीन प्राथमिकताओं में स्थान दिया, जो 2022 में 75% से अधिक है. कंपनियों का एक उभरता हुआ समूह भी है, जो अपनी भविष्य की विकास रणनीतियों में नवाचार (Innovation) को केंद्र में रखकर योजना बना रहे हैं. सूची में शामिल सभी कंपनियां वृद्धिशील इनोवेशन के लिए अधिक धन आवंटित कर रही हैं, यही नहीं ये कंपनियां ब्रेकथ्रू इनोवेशन को विकसित करने के लिए पूरे बजट का एक तिहाई आवंटित कर रही हैं.
सूची में शामिल सभी कंपनियों में कई समानताएं हैं. जैसे ये कंपनियां अपने इनोवेशन प्लेटफार्म और प्रेक्टिस को मजबूत बनाने के लिए विलय और अधिग्रहण, नवीन प्रौद्योगिकियों या प्रक्रियाओं, योग्य कर्मचारियों जैसे रणनीतिक उपकरणों का सावधानी से उपयोग करती हैं. ये कंपनियां बाहरी साझेदारों और प्रतिस्पर्धियों के साथ मिलकर एक बेहतर पारिस्थिकी तंत्र बनाने में विश्वास करती हैं. सूची में शामिल सभी कंपनियों ने इनोवेशन के लिए वर्तमान समय की सबसे प्रभावशाली तकनीक एआई (Artificial Intelligence/AI) की शक्ति का लाभ उठाया है.
50 सबसे इनोवेटिव कंपनियों की सूची में अधिकांश कंपनियां जहां अमेरिकन हैं, वहीं यूरोप, जापान, कोरिया की कंपनियों को भी स्थान मिला है. सूची में सिर्फ एक भारतीय कंपनी/ग्रुप का होना चिंताजनक है. निश्चित तौर पर हमारे देश में स्टार्टअप्स (Startups) के लिए अनुकूल माहौल बना है, साथ ही हमारी अर्थव्यवस्था भी विश्व की प्रमुख और प्रगतिशील अर्थव्यवस्था बनकर उभरी है, लेकिन इनोवेशन पर और काम करना बाकी है, ताकि हमारे देश की कंपनियां भी एप्पल, टेस्ला, अमेजॉन के तौर पर इनोवेशन का उपयोग कर आम लोगों की जिंदगी को और आसान बना पाए.
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Intelligenz IT के निदेशक प्रभात सिन्हा ने कहा, ‘यूनिकॉर्न की संख्या के मामले में हमारा देश अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में तीसरे स्थान पर है. यूनिकॉर्न संस्थाओं के संस्थापक अपने स्वयं के व्यवसायों के माध्यम से और अन्य स्टार्ट-अप में धन का निवेश करके नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं. आवश्यकता है अनुसंधान एवं विकास के लिए और बेहतर माहौल बनाने की, ताकि बेहतर आइडिया को अमल में लाकर विकास को बढ़ावा दिया जा सके.’
सवाल उठता है कि इनोवेशन के मामले में हमारा देश अमेरिका और जापान जैसे देशों से कहां पीछे रह जा रहा है. इसके कई कारण हैं, जिनमें से प्रमुख निम्न हैं:
सफलता के लिए उच्च सम्मान: अन्य देशों में सफल उत्पाद का बेहतर उपयोग होता है, जिनमें फेसबुक, उबर, एयरबीएनबी आदि शामिल हैं.
मजबूत कानून: वहां पेटेंट के लिए ऐसे कानून हैं, जो आसान नकल को रोककर नए उद्यमियों को इनोवेशन के लिए प्रेरित करते हैं.
आसान फंडिंग: कई संस्थाएं अच्छे प्रोडक्ट और परियोजना को फंडिंग कर आइडिया और इनोवेशन को आगे बढ़ाती हैं.
सरकारी हस्तक्षेप: सरकार विकास और उद्यमिता को नहीं रोकती.
पूंजीवाद: इनोवेशन को बढ़ावा दिया जाता है.
अभी पिछले कुछ वर्षों से भारत सरकार ने इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं. फिर भी वैश्विक मानकों को छूने के लिए सरकार को उद्योग जगत, विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और पेशेवरों को मिलकर एक पारिस्थितिकी तंत्र (माहौल) बनाना होगा, जिससे हमारे देश की ज्यादा से ज्यादा कंपनियां सबसे इनोवेटिव कंपनियों की सूची में शामिल हो सकें.
वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुमान पर हाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में लिखा, ‘हमारे लोगों की ताकत और कौशल से संचालित भारत एक ग्लोबल ब्राइट स्पॉट बनकर उभरा है. भारत ग्रोथ और इनोवेशन का पावरहाउस है. हम समृद्ध भारत की दिशा में अपनी यात्रा को मजबूत करना जारी रखेंगे, अपने सुधारों के पथ को और आगे बढ़ाएंगे.’
-भारत एक्सप्रेस
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