सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यचिकाकर्ता ने कानून के प्रावधानों को चुनौती नहीं दी है. कृपया भारत के संविधान को लें. उन्होंने संवैधानिक चुनौती नहीं दी है, क्योंकि तब उनका सामना अनुच्छेद 1,2, और 4 से होगा. मौजूदा मामले के तथ्यों में यह राज्य पुनर्गठन अधिनियम है. अनुच्छेद 2, 3 एक ऐसी स्थिति पर विचार करता है, जब एक नई इकाई अस्तित्व में आती है, इसलिए संसद को यह देखने के लिए कदम उठाने पड़ते हैं कि वे कुछ समता में आते हैं या नहीं.
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