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Amazon 2030 तक भारत से 80 अरब डालर का करेगा निर्यात, मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप में 12 करोड़ डॉलर का करेगा निवेश

अमेजन इंडिया के कंट्री मैनेजर समीर कुमार ने कहा कि अमेजन ने समय से एक साल पहले 1 करोड़ छोटे व्यवसायों को डिजिटल बनाने का अपना संकल्प पूरा कर लिया है और 1.2 करोड़ से अधिक छोटे व्यवसायों को डिजिटल अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनने में सक्षम बनाया है.

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ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अमेजन ने मंगलवार (10 दिसंबर) को 2030 तक भारत से 80 बिलियन डॉलर का संचयी निर्यात (Cumulative Exports) करने की अपनी प्रतिबद्धता की घोषणा की और कहा कि उसने भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए उद्दोग मंत्रालय के DPIIT के साथ साझेदारी की है.

Amazon में इमरजिंग मार्केट विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित अग्रवाल ने कंपनी के वार्षिक ‘संभव शिखर सम्मेलन’ के दौरान यह घोषणा की. अग्रवाल ने कहा, “भारत से निर्यात को बढ़ावा देने में हमने जो प्रगति की है, उससे प्रेरित होकर हम भारत में अपना ध्यान चार गुना बढ़ा रहे हैं. हम 2030 तक 80 बिलियन डॉलर का निर्यात करने की अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने जा रहे हैं.”

1 करोड़ MSME को डिजिटल बनाया

अमेजन इंडिया के कंट्री मैनेजर समीर कुमार ने कहा कि अमेजन ने पहले 1 करोड़ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को डिजिटल बनाने, भारत से संचयी निर्यात में $20 बिलियन हासिल करने और 2025 तक देश में 20 लाख नौकरियां पैदा करने का संकल्प लिया था.

समीर कुमार ने कहा, “हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने समय से एक साल पहले 1 करोड़ छोटे व्यवसायों को डिजिटल बनाने का अपना संकल्प पूरा कर लिया है और 1.2 करोड़ से अधिक छोटे व्यवसायों को डिजिटल अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनने में सक्षम बनाया है. हमने लगभग 13 बिलियन डॉलर के संचयी निर्यात को सक्षम किया है और भारत में लगभग 1.4 मिलियन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा की हैं,”

मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप के लिए 12 करोड़ डॉलर

अमित अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में पेट्रोलियम उत्पादों को छोड़कर, अमेजन भारत के व्यवसाय-से-उपभोक्ता (B2C) निर्यात का लगभग 3 प्रतिशत हिस्सा है. उन्होंने यह भी घोषणा की कि अमेजन के संभव वेंचर फंड ने भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने की सरकार की प्रमुख प्राथमिकता में तेजी लाने के लिए DPIIT (उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप में निवेश करने के लिए 12 करोड़ डॉलर निर्धारित किए गए हैं.

उन्होंने कहा, “हम इसे उन स्टार्टअप्स के लिए सुलभ बनाएंगे जो घरेलू विनिर्माण से संबंधित विचारों में निवेश कर रहे हैं और भारत से बाहर ब्रांड बना रहे हैं.” कंपनी के बयान के अनुसार, यह फंड का विस्तार $350 मिलियन तक करता है. कंपनी ने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए Amazon सरकार, अनगिनत भारतीय छोटे व्यवसायों और डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) ब्रांडों के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहा है.

अमेजन शिपिंग और अमेजन फ्रेट लॉन्च

बयान में कहा गया है कि यह विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) के साथ मिलकर ‘डिस्ट्रिक्ट्स ऐज एक्सपोर्ट हब (DEH)’ पहल का लाभ उठा रहा है, जिसका उद्देश्य पूरे भारत में MSME निर्यात को बढ़ाना है. इसके अलावा, अग्रवाल ने भारत भर में व्यवसायों और D2C ब्रांडों के लिए कंपनी की लॉजिस्टिक्स सेवाओं, अमेजन शिपिंग (Amazon Shipping) और अमेजन फ्रेट (Amazon Freight), के लॉन्च की घोषणा की. Amazon फ्रेट इंट्रा-सिटी और इंटर-सिटी ट्रांसपोर्ट दोनों के लिए फुल ट्रक लोड फ्रेट सेवाएं प्रदान करता है, जबकि Amazon शिपिंग लास्ट-माइल B2C पार्सल डिलीवरी प्रदान करता है.


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-भारत एक्सप्रेस



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