Bharat Express

Budget 2023: नौकरीपेशा लोगों को मिल सकती है राहत, बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाने का हो सकता है ऐलान

Budget 2023: अगले साल होने वाले चुनावों को देखते हुए उम्मीद है कि देश की फाइनेंस मिनिस्टर आम बजट में लोगों को कई तरह की सहूलियतें दे सकती हैं.

Budget

सांकेतिक तस्वीर

Budget 2023: साल 2023 की शुरुआत के साथ ही इस साल पेश होने वाले बजट को लेकर लोगों की उम्मीदें भी दिखना शुरु हो गई हैं. बीते दो सालों में कोरोना की वजह से आम जनता की रोजी-रोटी पर काफी असर पड़ा है.

इसे ध्यान में रखते हुए लोग इस बात की आस लगाए हैं कि फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण बजट में लोगों को कई तरह की सहूलियतें दे सकती हैं.

1 फरवरी, 2023 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यूनियन बजट पेश करेंगी. उम्मीद जताई जा रही है कि वे टैक्स में राहत देने के साथ ही आवश्यक वस्तुओं के दामों में भी कमी कर सकती हैं.

टैक्स में छूट की सीमा बढ़ाने की उम्मीद

एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को इनकम टैक्स में छूट की आय सीमा बढ़ाने की जरूरत है. इसके अलावा इनकम टैक्स के स्लैब से जुड़े नियमों को भी बदलने की आवश्यकता है. अभी सबसे ज्यादा रेट वाले स्लैब में सरचार्ज के साथ टैक्स की दर 42.74 फीसदी हो जाती है, जोकि बहुत ज्यादा है.

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस बजट में सरकार आयकर स्‍लैब में बदलाव करते हुए इनकम टैक्स की सीमा बढ़ाती है तो इसका लाभ देश के मध्‍यम वर्ग और देश की अर्थव्‍यवस्‍था दोनों को होगा. एक ओर जहां मध्‍यम वर्ग के हाथ में ज्‍यादा पैसा आएगा वहीं इससे खपत में भी वृद्धि होगी.

बढ़ सकता है स्टैंडर्ड डिडक्शन

अनुमान लगाया जा रहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा भी बढ़ा सकती हैं. अगर ऐसा होता है तो इससे टैक्स में राहत मिल सकती है.

वर्तमान में नौकरी करने वाले लोगों को वार्षिक 50,000 रुपये डिडक्शन की अनुमति है. उम्मीद है कि इसे बढ़ाते हुए 1 लाख रुपये सालाना किया जा सकता है. सरकार द्वारा अगर ऐसा किया जाता है तो इससे लोगों के हाथ में ज्यादा पैसे बचेंगे.

इसे भी पढ़ें: Solar Panel: सोलर पैनल से मिलेगा बिजली के बिल से छुटकारा, जानिए कितनी मिलेगी सब्सिडी

सेक्शन 80 सी और हेल्थ पॉलिसी पर डिडक्शन की लिमिट बढ़ने की उम्मीद

आम जनता द्वारा इस बजट में यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के अंतर्गत डिडक्शन की सीमा को बढ़ा सकती है. वर्तमान में इस सेक्शन के नियमों के अनुसार मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये ही डिडक्शन की इजाजत है.

वहीं वहीं पिछले कुछ सालों से कोरोना के खतरों को देखते हुए हेल्थ पॉलिसी पर डिडक्शन की लिमिट भी बढ़ाए जाने की आवश्यकता है. क्योकिं कोरोना महामारी के चलते हेल्थ पॉलिसी का प्रीमियम काफी बढ़ चुका है.

Bharat Express Live

Also Read