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Budget 2023: गरीब कैदियों को दी जाएगी आर्थिक सहायता, कमजोर जनजातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए भी योजना: सीतारमण

कैदी जो गरीब हैं और जुर्माना या जमानत नहीं भर सकते हैं, जिन्हें आर्थिक मदद की जरूरत है, उन्हें मदद दी जाएगी.

nirmala sitharaman

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को बजट पेश किया. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट था. ऐसे में निर्मला सीतारमण ने टैक्स कटौती समेत तमाम बडे़ ऐलान किए है. निर्मला सीतारमण ने महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को भी बड़ी सौगात दी है. महिलाओं को सम्मान बचत पत्र योजना शुरू करने का ऐलान किया. इसके अलावा किसानों, युवाओं और छात्रों के लिए बडे़ कई ऐलान किए गए. निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह अमृतकाल का पहला बजट है. सीतारमण ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था सही दिशा में चल रही है और सुनहरे भविष्य की ओर है.

गरीब कैदियों को आर्थिक सहायता

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में बजट पेश करते हुए कहा कि जेलों में बंद ऐसे गरीब व्यक्तियों को आर्थिक सहायता दी जाएगी जो जुर्माने की राशि या जमानत भरने की स्थिति में नहीं हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में बजट भाषण में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे कैदी जो गरीब हैं और जुर्माना या जमानत नहीं भर सकते हैं, जिन्हें आर्थिक मदद की जरूरत है, उन्हें यह मदद दी जाएगी.’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष एक कार्यक्रम में कहा था कि विचाराधीन कैदियों से जुड़े ऐसे मामलों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

कमजोर जनजातियों की स्थिति में सुधार के लिए योजना

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए एक योजना शुरू करने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने संसद में 2023-24 के लिए आम बजट पेश करते हुए कहा कि अनुसूचित जनजातियों के लिए अगले तीन वर्षों में प्रधानमंत्री विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीएम-पीवीटीजी) विकास मिशन को लागू किया जाएगा. इसके लिए 15,000 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी. वित्त मंत्री ने घोषणा की, ‘‘विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएम-पीवीटीजी विकास मिशन शुरू किया जा रहा है.’’ उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को स्थायी आजीविका, सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, सड़क और दूरसंचार संपर्क जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी.

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