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आम आदमी को मिल सकती है राहत, दाल की महंगाई को कंट्रोल करने की सरकार की तैयारी

सरकार ने दालों की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर शनिवार को 12 मीटिंग्स की थी. इन मीटिंग में स्टॉकिस्ट से हर शुक्रवार को

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प्रतीकात्मक तस्वीर

Rising Pulses price : दालों की बढ़ती महंगाई ( Rising Pulses price ) ने आम आदमी की नाक में दम कर रखा है. अब सरकार दालों की महंगाई को रोकने के लिए गंभीर कदम उठाने पर विचार कर रही है. लोगों को रियायती दामों पर सरकारी दुकानों पर दाल उपलब्ध कराई जाएगी साथ ही सरकार विदेशों से भी दाल को आयात ( IMPORT OD PULSES ) करने के बारे में सोच रही है. सरकार ने दालों की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर शनिवार को 12 मीटिंग्स की थी. इन मीटिंग में स्टॉकिस्ट से हर शुक्रवार को उनके पास मौजूद भंडार का लेखा-जोखा देने का निर्देश दिया गया है. सरकार बीते कई दिनों से लगातार स्‍टॉकिस्‍ट, इम्‍पोर्टर्स और ट्रेडर्स को स्टॉक डिस्क्लोजर के लिए कह रही है. सरकार के आदेश के बाद कुछ स्टॉक तो बाहर आए हैं लेकिन बताए गए स्टॉक और इम्पोर्ट का अन्तर बहुत ज्‍यादा है. यही कारण है कि सरकार अब इस मामले में सख्त कदम  उठाने पर विचार कर रही है.

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दालों की कीमतों को नियंत्रित ( TO CONTROL PULSE’S PRICE ) करने के लिए सरकार मटर दाल का सीमित इम्‍पोर्ट कर सकती है. वहीं तूर, उड़द समेत अन्य दालों का इम्पोर्ट की भी बात चल रही है लेकिन ये इंपोर्ट सरकार, सरकारी एजेंसियों के माध्यम से ही कराना चाहती है. इसके अलावा सरकारी दुकानों, नेफेड, केंद्रीय भंडार, कोऑपरेटिव्स के जरिए दालों की बिक्री सम्भव है.

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आपको बता दें कि सरकार ने पिछले महीने तूर दाल की जमाखोरी को रोकने के लिए उपभोक्ता मामले के मंत्रालय ( consumer affair ministry ) ने कमिटी भी बनाई थी. ताकि दाल की जमाखोरी  करने वालों पर निगरानी रखी जा सके. कमिटी का मुख्य काम तूर यानी अरहर दाल के कीमतों की निगरानी के लिए इम्पोर्टर्स, मिलर्स, स्टॉकिस्ट और ट्रेडर्स के डिस्क्लोजर और स्टॉक पर नजर रखना था. सरकार ने कमिटी बनाने का फैसला कुछ शिकायतों के बाद लिया गया था. इन शिकायतों में कहा गया था कि पर्याप्त इम्पोर्ट के बावजूद व्यापारी बाजार में स्टॉक जारी नहीं कर रहे हैं.



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