MSME सेक्टर ने 15 महीने में 10 करोड़ रोजगार सृजित किए.
सरकारी पोर्टल उद्यम के मुताबिक, भारतीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) द्वारा देश में बीते 15 महीनों में 10 करोड़ के करीब रोजगार के अवसर सृजित किए गए हैं. आंकड़ों के मुताबिक, पंजीकृत एमएसएमई की संख्या पिछले साल अगस्त में 2.33 करोड़ थी, जो अब बढ़कर 5.49 करोड़ हो गई है, जबकि इस अवधि के दौरान इन उद्यमों में नौकरियों की संख्या 13.15 करोड़ से बढ़कर 23.14 करोड़ हो गई है.
MSME सेक्टर में बंपर रोजगार के अवसर सृजित
कुल रोजागार में उद्यम सर्टिफिकेशन के माध्यम से सरकार के पास पंजीकृत 2.38 करोड़ आनौपचारिक सूक्ष्म यूनिट्स द्वारा 2.84 करोड़ रोजगार के अवसर पैदा किए गए हैं. वहीं, महिलाओं के लिए 5.23 करोड़ रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं. कुल पंजीकृत उद्यमों में से 5.41 करोड़ सूक्ष्म उद्यम, 7.27 लाख लघु उद्यम और 68,682 मध्यम उद्यम शामिल है. बजट में सरकार की ओर से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को प्राथमिकता दी गई है, क्योंकि वे बड़ी संख्या में देश में रोजगार के अवसर पैदा कर सकते हैं.
MSME के लिए आवंटित हुए 22 हजार करोड़
केंद्रीय बजट 2024-25 में एमएसएमई मंत्रालय को 22,137.95 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जो पिछले वित्त वर्ष से 41.6 प्रतिशत अधिक है. बजट में एमएसएमई को समर्थन देने के लिए कई पहल शामिल हैं, जिसमें बिना कुछ गिरवी रखे या तीसरे पक्ष की गारंटी के बिना मैन्युफैक्चरिंग एमएसएमई को टर्म लोन प्रदान करने की एक नई योजना भी शामिल है.
सरकार द्वारा एमएसएमई को सपोर्ट करने के लिए मुद्रा लोन की सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है. बजट में एमएसएमई के डिजिटाइजेशन पर भी फोकस किया गया है. केवल 6 प्रतिशत एमएसएमई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रूप से बिक्री कर रहे हैं.
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बजट के दौरान वित्त मंत्री ने कहा था कि एमएसएमई के लिए मशीनरी और उपकरणों की खरीद के लिए बिना कुछ गिरवी रखे और बिना गारंटी के टर्म लोन की सुविधा के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी. यह गारंटी फंड 100 करोड़ रुपये तक की गारंटी प्रदान करेगा.
-भारत एक्सप्रेस
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