भारत में हरित क्षेत्र बढ़ा.
भारत में हरित आवरण में एक महत्वपूर्ण बढ़ोतरी हुई है, शनिवार (21 दिसंबर) को केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने भारत वन स्थिति रिपोर्ट जारी की. आंकड़ों के अनुसार, 2021 से 2023 तक देश का कुल वन और वृक्ष आवरण 1,445 वर्ग किमी बढ़ा है, जिससे यह अब देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17 प्रतिशत तक पहुंच गया है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत ने 2005 के स्तर की तुलना में 2.29 बिलियन टन का अतिरिक्त कार्बन सिंक हासिल किया है. देश का कुल वन क्षेत्र 2021 में 713,789 वर्ग किमी से बढ़कर 2023 में 715,343 वर्ग किमी हो गया है, जो कुल भौगोलिक क्षेत्र का 21.76 प्रतिशत बनता है. वहीं, वृक्ष क्षेत्र में 1,289 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है.
इन राज्यों में हुई बढ़ोतरी
आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान ने अपने वन और वृक्ष आवरण में सबसे बड़ी वृद्धि की है, जिनमें क्रमशः 684, 559, 559 और 394 वर्ग किमी का इज़ाफा हुआ है. मिजोरम में 242 वर्ग किमी का वृद्धि देखने को मिली, और गुजरात और ओडिशा में क्रमशः 180 और 152 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है.
मध्य प्रदेश सबसे आगे
मध्य प्रदेश इस क्षेत्र में सबसे आगे है, जिसके पास 85,724 वर्ग किमी का कुल वन और वृक्ष आवरण है. इसके बाद अरुणाचल प्रदेश और महाराष्ट्र का नंबर आता है. वन क्षेत्र में मध्य प्रदेश 77,073 वर्ग किमी के साथ सबसे ऊपर है. लक्षद्वीप में 91.33 प्रतिशत भू-क्षेत्र वन से ढका हुआ है, जो भारत में सबसे अधिक है.
रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि पश्चिमी घाट और पूर्वी राज्य क्षेत्र (WGESA) में वन क्षेत्र में कमी आई है. इसके अलावा, पूर्वोत्तर क्षेत्र में भी वन क्षेत्र में 327.30 वर्ग किमी की कमी देखी गई है.
मैंग्रोव क्षेत्र, जो बाढ़ को नियंत्रित करने में मदद करता है, में 7.43 वर्ग किमी की कमी आई है. हालांकि, भारत का कुल वन और वृक्ष आवरण अब 827,357 वर्ग किमी है, जो भौगोलिक क्षेत्र का लगभग एक-चौथाई है.
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भारत का कार्बन स्टॉक 2021 से 81.5 मिलियन टन बढ़कर 7,285.5 मिलियन टन हो गया है. देश ने पेरिस समझौते के तहत 2030 तक 2.5 से 3 बिलियन टन अतिरिक्त कार्बन सिंक बनाने की प्रतिबद्धता जताई है. यह रिपोर्ट देश के वन और वृक्ष आवरण की स्थिति को बेहतर बनाने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत की कोशिशों को दर्शाती है.
-भारत एक्सप्रेस
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