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लोक सभा में बिना बहस के पास हुआ Rs 45 लाख करोड़ का Appropriation Bill

संसद भवन में ऐसा नजारा थोड़ा कम ही देखने को मिलता है, लेकिन गुरूवार को जो हुआ उसे एक सुखद अहसास है. दरअसल गुरुवार को लोकसभा में मात्र 9 मिनट में Appropriation बिल पास हुआ। इस बिल के पास होने से सरकार को अगले वित्त वर्ष के लिए 45 लाख करोड़ रुपए की मंजूरी मिल गई. सबसे आश्चर्यजनक बात ये थी कि जिस सदन में सरकार और विपक्ष के विवाद के चलते सदन नहीं चल पा रहा था, उसी सदन में ये बिल बिना किसी बहस के ध्वनि मत से पास हो गया।

क्या है Appropriation Bill?

Appropriation Bill यानी विनियोग विधेयक के अंतर्गत सरकार को देश की जनता के लिए कंसोलिडेटेड फंड इस्तेमाल करने के लिए मिलता है। सरकार द्वारा Appropriation Bill का उपयोग फाइनेंशियल ईयर में होने वाले खर्चों के लिए किया जाता है। इसी वजह से ये बिल पूरे देश के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है।

ध्वनिमत में पास हुआ Appropriation Bill

संसद में जिस वक्त ये बिल पेश किया गया तब प्रधानमंत्री मोदी भी सदन में मौजूद थे. पिछले दो सदन अडानी मामले पर जांच की मांग के लेकर रद्द कर दिए गए। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों ने ‘मोदी अडानी भाई-भाई’ के नारे लगाए और सदन की कार्यवाही को आगे नहीं बढ़ने दिया।

केंद्रीय बजट से संबंधित करीब 100 मंत्रालयों एवं विभागों से जुड़ी अनुदानों की बकाया मांगों को एक साथ बिना चर्चा कराए ‘गिलोटिन’ के माध्यम से सदन की मंजूरी के लिए रखा गया। इसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। वर्तमान फाइनेंशियल ईयर का अनुमानितकुल व्यय 41,87,232 करोड़ रुपये है, जो 2021-22 के कैपिटल expenditure से 3,93,431 करोड़ रुपये ज्यादा है। बजट पत्रों की माने तो 2023-24 में कुल व्यय 45,03,097 करोड़ रुपये अनुमानित है, जिसमें से कुल पूंजीगत व्यय 10,00,961 करोड़ रुपये है।

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