Bharat Express

SEBI का बड़ा फैसला, ₹500 करोड़ से कम मार्केट कैपिटल वाली कंपनियों की होगी निगरानी

आज से लागू हुआ ये नियम सरकारी कंपनियों, बैंक पर लागू नहीं होगा. इसके साथ ही F&O वाले शेयर्स को भी इससे बाहर रखा गया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

NSE & BSE Surveillance: शेयर बाजार में अच्छे रिटर्न्स की वजह से हाल के दिनों में ट्रेडिंग अकाउंट्स की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है. शेयर मार्केट में एक्टिविटीज बढ़ना अच्छा है लेकिन इसके साथ ही साथ धोखेबाजी की खबरें भी लगातार सामने आती रही है. इसी वजह से मार्केट रेगुलेटर सेबी ने निवेशकों के हितों की रक्षा करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है.

सेबी अब पेनी स्टॉक के नाम पर लोगों को धोखा बनाने वालों को सबक सिखाना चाहता है. ऐसा करने वालों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. दरअसल सेबी ( SEBI ) और मार्केट एक्सचेंजों ( NSE & BSE ) ने माइक्रो स्मॉल कंपनियां यानि 500 करोड़ रुपए से कम मार्केट कैपिटल वाली कंपनियों को ESM यानि Enhanced surveillance measure के तहत लाया जाएगा. जिसका मतलब है कि इन कंपनियों की निगरानी होगी और ये नियम आज से ही लागू हो रहा है.

ये भी पढ़ें- Lupin के शेयरों में आया जबरदस्त उछाल , जानें इसके पीछे की वजह

क्या है नियम –

एक्सचेंजों का कहना है कि इस निगरानी की 2 स्टेज होंगी. पहली स्टेज में डील होने पर 100% मार्जिन देना जरूरी होगा. 5% प्राइस बैंड के साथ ट्रेड फॉर ट्रेड सेटलमेंट. इसके साथ ही एक बार एंट्री तो 90 दिन तक ESM लागू रहेगा. जिसकी हर सप्ताह समीक्षा होगी. वहीं दूसरी स्टेज में 2% प्राइस बैंड के साथ ट्रेड फॉर ट्रेड सेटलमेंट होगा और ट्रेडिंग के लिए सिर्फ एक दिन मिलेगा. एक बार एंट्री होने पर 1 महीने तक ESM लागू रहेगा.

इन शेयरों पर लागू नहीं होगा नियम –

ये नियम सरकारी कंपनियों, बैंक पर लागू नहीं होगा और न ही F&O वाले शेयर्स पर लागू होगा. एक बार एंट्री होने पर 90 कैलेंडर दिन तक ये लागू होगा. वहीं सेकेंड स्टेज की प्रोसेस में आने पर ये सिर्फ एक महीने के लिए लागू होगा. किसी भी सिक्योरिटी के इस व्यवस्था के तहत आने पर हर हफ्ते उसकी समीक्षा की जाएगी. अगर क्लोजिंग टू क्लोजिंग के बीच का डिफरेंस 8 फीसदी से कम होता है. तो ऐसे शेयर्स को स्टेज 1 में डाला जा सकता है. और अगर तीन महीने तक सबकुछ नियमों के अनुकूल मिलता है तो शेयर को बाहर भी निकाला जा सकता है.

Also Read