प्रतीकात्मक तस्वीर
VEDANTA LOAN : स्कैप किंग अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) की कंपनी वेदांता (Vedanta) $500-600 मिलियन के कर्ज के लिए Deutsche Bank समेत JPMorgan और Barclays जैसे बड़े फाइनेंशियल फर्म्स से बातचीत कर रही है. ये कदम कंपनी ने Farallon Capital Management से लोन मिलने में हो रही देरी के चलते उठाया है. यहां ध्यान देना होगा कि 31 मई को मैच्योर हो रहे बॉंड्स रीपेमेंट के लिए कंपनी को $500 मिलियन की जरूरत है.
क्रेडिट फंड देता है महंगा लोन-
आपको बता दें कि बैंको से मिलने वाला लोन क्रेडिट फंड ( CREDIT FUND ) के लोन की तुलना में सस्ता होता है. दरअसल बैंक कम ब्याज दर ( INTEREST RATE ) चार्ज करते हैं. ऐसे समझें कि क्रेडिट फंड Secured Overnight Financing Rate (SOFR) +800 बेसिस प्वाइंट्स चार्ज करते हैं. वर्तमान में SOFR 5.06% है. आपको मालूम हो कि वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड (VRL) $1 billion लोन के लिए कई बड़े बैंको सें बातचीत कर रही था . लेकिन कंपनी ने अपने हाथ पीछे खींच लिये क्योंकि क्रेडिट लेंडर्स को लोन के बदले में गारंटी चाहिए थी और इसके लिए वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड (VRL) को RBI के अप्रूवल की जरूरत थी.
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कितनी है देनदारी –
VRL के पास अप्रैल में 400 मिलियन डॉलर के बॉन्ड थे और मई में 500 मिलियन डॉलर के बॉन्ड ( BOND ) हैं. इसके पास जनवरी 2024 में मेच्योर होने वाला एक और 1 बिलियन डॉलर का बॉन्ड है. इसके अलावा, होल्डिंग कंपनी ( HOLDING COMPANY ) के पास 1.1 बिलियन डॉलर का फिक्स्ड लोन और 600 मिलियन डॉलर का ब्याज भुगतान है, इसके साथ ही कंपनी के ऊपर 450 मिलियन डॉलर का इंटर-कंपनी लोन ( INTER COMPANY LOAN ) भी है. निवेशकों के लिए कंपनी ने डिवीडेंड की घोषणा की है जिसे 22 मई को होने वाली मीटिंग में अप्रूव किया जाना है.