सपा के पूर्व एसटी हसन.
मुरादाबाद लोकसभा सीट से अपना टिकट कटने के बाद सपा के मौजूदा सांसद एसटी हसन ने गुरुवार (28 मार्च) को कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की कोई मजबूरी ही रही होगी कि उन्होंने उनका टिकट काट दिया. उन्होंने कहा कि वह इस बार न तो लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और न ही प्रचार करेंगे.
“अखिलेश यादव की शायद कोई मजबूरी रही होगी”
मुरादाबाद लोकसभा सीट से मंगलवार को नामांकन दाखिल कर चुके एसटी हसन ने कहा, ”मैं न तो लोकसभा चुनाव लड़ूंगा और न ही प्रचार करूंगा. अखिलेश यादव की शायद कोई मजबूरी होगी जिसके कारण उन्होंने मेरी उम्मीदवारी रद्द कर दी. आखिरी वक्त तक अखिलेश यादव चाहते थे कि मैं मुरादाबाद से ही चुनाव लड़ूं लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं ने फिर से नामांकन दाखिल करने के लिये अखिलेश यादव की तरफ से भेजे गये कागजात मुझ तक नहीं पहुंचने दिये.”
“मैं मुरादाबाद में प्रचार नहीं करूंगा”
एसटी हसन ने कहा, “मैं मुरादाबाद में प्रचार नहीं करूंगा. इसके अलावा अखिलेश यादव जहां भी कहेंगे वहां प्रचार करूंगा. रामपुर में पार्टी आजम खां के सुझाए गए प्रत्याशी को उम्मीदवार नहीं बना सकी, इसलिए उनके के कहने पर रुचि वीरा को मुरादाबाद से उम्मीदवार बनाया गया है.”
बता दें कि एसटी हसन ने मंगलवार यानी कि 26 मार्च को मुरादाबाद सीट से अपना नामांकन दाखिल किया था. बाद में उनका टिकट काटकर पूर्व विधायक रुचि वीरा को दिये जाने की खबर पर उनके समर्थकों ने इसका कड़ा विरोध किया था. वीरा ने बुधवार को मुरादाबाद से नामांकन दाखिल कर दिया, जिसके बाद पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को लेकर संशय की स्थिति पैदा हो गयी.
हसन 2006 से 2012 तक मुरादाबाद के महापौर रह चुके हैं. वह 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा उम्मीदवार के रूप में मुरादाबाद से मैदान में उतरे थे, लेकिन भाजपा के कुंवर सर्वेश कुमार सिंह से हार गए थे. सपा ने 2019 में हसन को मुरादाबाद से दोबारा अपना उम्मीदवार बनाया था और उन्होंने भाजपा के कुंवर सर्वेश कुमार सिंह को 97,878 मतों से हराकर जीत हासिल की थी.
-भारत एक्सप्रेस