Aamir Khan: मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहे जाने वाले आमिर खान इन दिनों फिल्मों से दूर और अपने परिवार के संग जमकर समय बिता रहे हैं. इसी बीच आमिर खान ने खुलासा किया कि वे बेटी ईरा के साथ रिश्ते को सुधारने के लिए थेरेपी ले रहे हैं. उन्होंने लोगों को भी थेरेपी लेने की सलाह दी है. एक्टर ने बताया कि उनको और बेटी इरा को इससे बहुत फायदा हुआ है. रिश्तों में सुधार के लिए भी यह बहुत जरूरी है. आइए जानते हैं एक्टर ने इसे लेकर क्या कुछ कहा है.
आमिर खान ने हाल ही में नेटफ्लिक्स इंडिया एक कार्यक्रम में डॉ. विवेक मूर्ति के साथ इस मुद्दे पर बातचीत करते हुए दिखे. इस बातचीत में आमिर खान ने बताया कि वे मानसिक स्वास्थ्य और रिश्ते को सुधारने के लिए जॉइंट थेरेपी ले रहे हैं. आमिर ने बताया कि रिश्तों को सुधारने के लिए थेरेपी काफी मददगार है. उन्होंने बताया कि मैं उन लोगों को इसके लिए प्रेरित करूंगा, जिन्हें वाकई में इसकी जरूरत है.
उन्होंने आगे कहा कि “थेरेपी बहुत मददगार है. मुझे लगता है कि उसने (इरा ने) मुझे उस रास्ते पर धकेल दिया. मैं स्ट्रॉन्गली किसी को भी थेरेपी की सिफारिश करूंगा, जिसे इसकी जरूरत महसूस होगी? यह मेरे लिए मददगार रही है, वास्तव में, इरा और मैंने जॉइंट थेरेपी भी शुरू कर दी है हम दोनों अपने रिश्ते को बेहतर बनाने और सालों से चले आ रहे मुद्दों पर काम करने के लिए एक थेरेपिस्ट के पास जाते हैं.”
आपको बता दें कि इरा खान खुद डिप्रेशन का सामना कर चुकी हैं. वहीं आमिर खान भी करीब ढाई साल तक डिप्रेशन में रहे थे. पारिवारिक मामलों को लेकर भी कुछ समय तक इन बाप बेटी के बीच तनाव रहा था. मानसिक सेहत में सुधार के लिए दोनों सालाें से थेरेपी ले रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं किन लोगों को पड़ती है थेरेपी की जरूरत.
जॉइंट थेरेपी मेंटल हेल्थ से जुड़ी एक प्रकार की थेरेपी है, जिसे आमतौर पर रिश्तों को सुधारने के लिए दी जाती है. इस थेरेपी को तब दिया जाता है, जब दो लोगों के बीच के रिश्ते में अनबन चल रही हो. इस थेरेपी में संवाद के जरिए रिश्तों में होने वाली समस्याओं पर बातचीत की जाती है. रिश्ते में चल रहे मतभेदों को कम किया जाता है और एक दूसरे के प्रति केयर और प्यार करने पर जोर दिया जाता है.
जीवन में कोई भी नई स्थिति मानसिक समस्या के लिए जिम्मेदार होती है. जब व्यक्ति को अचानक से किसी नई स्थिति के साथ एडजस्ट करना पड़े, तब उसे नींद ना आना, भूख ना लगना जैसी समस्या हो सकती हैं. इससे उभरने के लिए थेरेपी फायदेमंद हैं.
शारीरिक बीमारियां व्यक्ति के मेंटल हेल्थ को कई तरह से प्रभावित करती हैं. आमतौर पर जो लोग कैंसर, स्ट्रोक, हार्ट अटैक और ऑटोइम्यून डिजीज के चलते परेशान हैं, उनका तनाव, चिंता और डर के कारण मानसिक स्तर बहुत खराब हो जाता है. इससे निपटने के लिए लोग थेरेपी की मदद लेते हैं.
जिन लोगों को आत्म संदेह होता है, वे अक्सर मानसिक तनाव का सामना करते हैं. उन्हें ऐसा महसूस हो कि कुछ गड़बड़ है लेकिन नहीं पता कि इसे कैसे ठीक किया जाए, तो ऐसे हालातों में व्यक्ति ज्यादा सेाचने के लिए मजबूर हो जाता है. इन लोगाें के लिए थेरेपी एक अच्छा विकल्प हो सकती है.
-भारत एक्सप्रेस
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