
देहरादून | रिपोर्टर – अभिषेक कुमार
उत्तराखंड सरकार ने अवैध अतिक्रमण के बाद अब अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. पिछले एक महीने में प्रदेश के चार जिलों में 136 मदरसों को सील किया गया है. इसके साथ ही इन मदरसों की फंडिंग की भी जांच की जा रही है. हालांकि, विपक्ष ने इस कार्रवाई की टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं और इसे एक समुदाय को टारगेट करने की कोशिश बताया है.
बीते एक महीने में उत्तराखंड सरकार ने उधम सिंह नगर में 64, देहरादून में 44, हरिद्वार में 26 और पौड़ी गढ़वाल में 2 अवैध मदरसों को सील किया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में अवैध रूप से चल रहे मदरसों, मजारों और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी. सरकार यह भी जांच करेगी कि इन मदरसों को चलाने के लिए पैसा कहां से आ रहा है और क्या इसमें हवाला नेटवर्क की भूमिका है.
मदरसा बोर्ड ने किया सरकार का समर्थन
प्रदेश में करीब 450 मदरसे मदरसा बोर्ड से पंजीकृत हैं, जबकि 500 से अधिक बिना अनुमति के चल रहे हैं. मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष शमून कासमी ने इस कार्रवाई का समर्थन किया और सभी मदरसा संचालकों से अपील की कि वे आवश्यक दस्तावेज पूरे करें और जल्द से जल्द अपना पंजीकरण कराएं. उन्होंने कहा कि अगर मदरसा संचालक सरकारी नियमों का पालन नहीं करेंगे, तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
विपक्ष ने उठाए सवाल, सरकार पर भेदभाव का आरोप
जहां सरकार अपनी कार्रवाई को न्यायसंगत बता रही है, वहीं विपक्ष ने इस पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि यह कार्रवाई बच्चों की परीक्षा के समय की जा रही है, जिससे सरकार की मंशा पर संदेह होता है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह सिर्फ एक विशेष समुदाय को परेशान करने और वोट बैंक की राजनीति करने की कोशिश है.
सरकार ने साफ किया है कि यह कार्रवाई कानून के दायरे में रहकर की जा रही है और इसका किसी धर्म या समुदाय से कोई लेना-देना नहीं है. अब देखना होगा कि इस मुद्दे पर राजनीति कब तक गर्म रहती है और सरकार की आगे की रणनीति क्या होगी.
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-भारत एक्सप्रेस
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