शव यात्रा के दौरान ‘राम नाम सत्य है’ क्यों बोलते हैं? यहां जाने इसका महत्त्व
By निहारिका गुप्ता
Aditya L1 Mission : भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO ने आज सुबह 11.50 बजे सूर्य के लिए अपना पहला मिशन ‘आदित्य L1’ लॉन्च कर दिया. यह लॉन्चिंग 23 अगस्त को हुई चंद्रयान-3 की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कामयाब लैंडिंग के 10वें दिन की गई है, जिसमें ‘आदित्य L1’ को PSLV-C57 के XL वर्जन रॉकेट के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया. रॉकेट ने 63 मिनट 19 सेकेंड बाद ‘आदित्य L1’ को 235 x 19500 Km की पृथ्वी की ऑर्बिट में छोड़ दिया. और, वहां से आगे का रास्ता वो खुद तय करेगा.
ISRO ने बताया कि ‘आदित्य L1’ पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर जाएगा. इसे सूर्य के नजदीक लैगरेंज पॉइंट-1 तक जाना है. यह सूर्य की ओर बढ़ता ही जा रहा है और लक्ष्य तक पहुंचने इसे करीब 4 महीने लगेंगे. यह लैगरेंज पॉइंट-1 से सूर्य की स्टडी करेगा. इस पॉइंट पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता, जिसके चलते यहां से सूरज पर आसानी से रिसर्च की जा सकती है.
ISRO के वैज्ञानिकों का कहना है कि L1 पॉइंट के आस-पास हेलो ऑर्बिट में भेजा गया हमारा ‘आदित्य L1’ सेटेलाइट सूर्य को बिना किसी ग्रहण के लगातार देख सकता है. इससे रियल टाइम सोलर एक्टिविटीज और स्पेस के मौसम पर भी नजर रखी जा सकेगी. ये 6 जनवरी 2024 को L1 पॉइंट तक पहुंचेगा.
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