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aditya L1

Aditya L-1 ने 15 लाख किलोमीटर की यात्रा पूरी करके अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है, जिसके लिए पीएम मोदी ने खुशी जताई है.

आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान सूर्य का अध्ययन करने के लिए कुल सात अलग-अलग पेलोड ले जा रहा है, जिनमें से चार सूर्य से प्रकाश का निरीक्षण करेंगे और शेष तीन प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के इन-सीटू मापदंडों को मापेंगे.

Aditya l1 mission launch: आज भारत के पहले सौर मिशन आदित्य L1 को PSLV-C57 रॉकेट के XL वर्जन से लॉन्च कर दिया गया है. करीब 4 महीने बाद यह 15 लाख Km दूर लैगरेंज पॉइंट-1 तक पहुंचेगा. इस पॉइंट पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता, ऐसे में ये वहां से सूर्य की स्टडी करेगा.

अब तक सूरज पर सैटेलाइट भेजने वाले देशों में अमेरिका- पायनियर 5- 1960, जर्मनी और अमेरिका का मिशन- हेलिओस- 1974, जापान- हिनोटोरी- 1981, यूरोपियन स्पेस एजेंसी- यूलिसिस- 1990 और चीन- AS0S-2022 शामिल है.

चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) आदित्य-एल1 मिशन में जुटी हुई है. मिशन को 2 सितंबर को सुबह 11.50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा.

Aditya L1 Mission: इसरो ने कहा कि एल1 बिंदु के चारों ओर प्रभामंडल कक्षा में स्थापित उपग्रह से सूर्य पर लगातार नजर रखने में बड़ा फायदा होगा और कोई भी ग्रह इसमें बाधा नहीं डालेगा.