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Ghosi By-election: घोसी विधानसभा उपचुनाव के मतदान के दिन जैसे-जैसे पास आ रहे हैं, वैसे-वैसे घोसी विधानसभा उपचुनाव दिलचस्प होता जा रहा है. कांग्रेस का अपना प्रत्याशी न उतारना यह साबित करता है कि उपचुनाव में भाजपा और I.N.D.I.A गठबंधन आमने-सामने आ गया है.
उत्तर प्रदेश में घोसी उपचुनाव भाजपा और I.N.D.I.A के लोकसभा परफॉर्मेंस के लिए लिटमस टेस्ट के तौर पर माना जा रहा है, भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की जीत के लिए जहां संगठन से सरकार तक की पूरी टीम घोसी में उतार दी है, तो वहीं विपक्ष ने भी अपनी पूरी ताकत घोसी उपचुनाव में लगा दी है, जहां समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव घोसी में जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं तो वहीं शिवपाल यादव , रामगोपाल यादव सभी जनसंपर्क करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे. ऐसे में यहां उत्तर प्रदेश कांग्रेस में घोसी में अपना प्रत्याशी उतारने से इनकार करके साफ कर दिया कि कांग्रेस समाजवादी पार्टी के साथ खड़ी है जो साफ करता है कि उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन का लिटमस टेस्ट घोसी उपचुनाव साबित होगा.
भारतीय जनता पार्टी हमेशा चुनाव के मोड में रहने वाली पार्टी है , ऐसे में हर चुनाव भारतीय जनता पार्टी पूरी मजबूती से लड़ने के इरादे से जनता के बीच में उतरती है. भारतीय जनता पार्टी और खास तौर पर दारा सिंह के लिए यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण है , इसी कारण भारतीय जनता पार्टी ने सरकार से लेकर संगठन तक की सभी बड़े चेहरों को घोसी उपचुनाव में उतारा है, जहां लगातार उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री घोसी में डेरा डाले हुए हैं तो वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी घोसी में जनसभा को संबोधित कर रहे हैं साफ है घोसी उपचुनाव में भाजपा कोई भी कोर कसर नही छोड़ना चाहती.
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समाजवादी पार्टी घोसी उपचुनाव को दारा सिंह के द्वारा दिए गए झटके का बदला लेने के तौर पर देख रही है. समाजवादी पार्टी ने भी घोसी उपचुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है, जहां अखिलेश यादव घोसी में जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं तो समाजवादी पार्टी के बड़े चेहरे भी अलग-अलग जगह पर जनसंपर्क कर घोसी में चुनावी समीकरणों को मजबूत करने में लगे हुए. इसी बीच कांग्रेस का अपना प्रत्याशी न उतर कर समाजवादी पार्टी को अपना साथ देना यह साबित करता है की घोसी उपचुनाव में भाजपा और I.N.D.I.A गठबंधन आमने-सामने है.
देश में लोकसभा चुनाव को देखते हुए विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A की उत्तर प्रदेश में क्या स्थिति होगी, यह घोसी उपचुनाव के द्वारा साफ हो जाएगा. लगातार देश और प्रदेश में I.N.D.I.A गठबंधन का बनाया जा रहे माहौल का जनता पर कितना असर हुआ है खास तौर पर उत्तर प्रदेश में, यह भी पूरी तरीके से घोसी उपचुनाव में साफ हो जाएगा. I.N.D.I.A गठबंधन की भी सबसे पहली नजर उत्तर प्रदेश में ही है कि अगर I.N.D.I.A गठबंधन की परफॉर्मेंस उत्तर प्रदेश में अच्छी होती है तो लोकसभा चुनाव में उनके लिए दिल्ली की कुर्सी का रास्ता ज्यादा मुश्किल नहीं होगा.
— भारत एक्सप्रेस
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