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MP Election: सीट शेयरिंग को लेकर सपा और कांग्रेस में रार, अखिलेश बोले-पहले कहा देंगे 6 सीटें, फिर हमारी सीटों पर उतार दिए प्रत्याशी

मध्य प्रदेश में कांग्रेस से बिगड़ते रिश्ते पर अखिलेश यादव ने कहा कि अगर हमें पता होता कि विधानसभा स्तर पर गठबंधन नहीं है तो न हम मीटिंग में जाते और ना ही कांग्रेस नेताओं के फोन उठाते.

Akhilesh Yadav

अखिलेश यादव (फोटो फाइल)

MP Election 2023: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए बने गठबंधन (INDIA) के सहयोगी दल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीट बंटवारे को लेकर मतभेद बढ़ता जा रहा है. विधानसभा चुनाव को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “कांग्रेस को जब समर्थन की जरूरत थी उस समय समाजवादी पार्टी ने उसका समर्थन किया.जिस समय कांग्रेस के नेताओं से बात हुई उस समय मैंने कहा था कि जो हमसे सहयोग लेना चाहो ले लो, हम भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे. उस समय रात 1 बजे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री के साथ बैठक हुई.”

उन्होंने कहा, ” बैठक के बाद हमें आश्वासन दिया गया कि विधानसभा चुनाव में हमें लगभग 6 सीटें दी जा सकती हैं लेकिन जब कांग्रेस की सूची आई तो हमारी जीती हुई सीटों पर भी उन्होंने प्रत्याशी घोषित कर दिया. मजबूरी में समाजवादियों को अपने मजबूत क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं की भावनाओं को समझते हुए चुनाव लड़ाना पड़ रहा है. समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी केवल उन्हीं सीटों पर लड़ेंगे जहां हमारा संगठन है और जहां से हम भाजपा को हराना चाहते हैं.”

MP के जैसा ही यूपी में करेंगे: अखिलेश यादव 

बता दें कि इससे पहले अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा था कि अगर कांग्रेस एमपी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के लिए सीटें आवंटित करने के लिए तैयार नहीं, तो उनकी पार्टी यूपी विधानसभा चुनाव के लिए उनके साथ गठबंधन नहीं करेगी. अखिलेश का कहना है कि जैसा व्यवहार कांग्रेस एमपी में करेगी वैसा ही हम यूपी में करेंगे. अखिलेश यादव ने कहा है कि सपा यूपी की 80 सीटों पर भाजपा को हराने की रणनीति बनाएगी.

सीट शेयरिंग पर सपा और कांग्रेस की नहीं बनी बात

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच बातचीत कथित तौर पर विफल हो गई है. दोनों पार्टियों ने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 6 विधानसभा सीटों पर टकराव हो गया है. यह अनिश्चित है कि यह 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए सीट-बंटवारे की बातचीत को कैसे प्रभावित करेगा. कांग्रेस द्वारा 144 उम्मीदवारों की सूची जारी करने के बाद असहमति पैदा हुई.

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“पहले पता होता तो फोन भी नहीं उठाते”

मध्य प्रदेश में कांग्रेस से बिगड़ते रिश्ते पर अखिलेश यादव ने कहा था कि अगर हमें पता होता कि विधानसभा स्तर पर गठबंधन नहीं है तो न हम मीटिंग में जाते और न ही कांग्रेस नेताओं के फोन उठाते. हमने कांग्रेस को साफ-साफ बताया था कि एमपी में हमारे उम्मीदवार कब-कब और कहां-कहां जीते थे और कहां हम नंबर 2 पर थे. लेकिन जब लिस्ट आई तो देखा कि उन्होंने सब डिक्लेयर कर दिए. हमारे सपा नेताओं को एक भी टिकट नहीं दी.

अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं ने सपा नेताओं को रातभर बैठाकर रखा. बातचीत करते रहे लेकिन एक भी टिकट नहीं दिया. उन्होंने हमसे सारी जानकारियां ले ली. मध्य प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं से हमारी सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत हुई थी. सपा प्रमुख अखिलेश ने कहा कि कांग्रेस ने कहा है कि विधानसभा स्तर पर गठबंधन नहीं है यह हम स्वीकार करते हैं. वहीं अखिलेश ने साफ कर दिया है कि अगर गठबंधन केवल उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनावों के लिए होगा तो उस पर विचार किया जाएगा.

-भारत एक्सप्रेस

 



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