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“CAA कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा…किसी को डरने की जरूरत नहीं”- बोले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

Amit Shah on CAA: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करने के बाद से ही विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है और देशभर में जमकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मीडिया को दिए एक साक्षात्कार के दौरान ये बात स्पष्ट कर दी है कि “CAA कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा. हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना ये भारत का विषय है और भारत की संप्रभुता का निर्णय है, हम इससे कभी समझौता नहीं करेंगे.”

न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए साक्षात्कार में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए में मुसलमानों को शामिल न करने की वजह बताई. उन्होंने कहा कि यदि वे अभी भी भारतीय नागरिकता चाहते हैं, तो वे संवैधानिक तरीकों से इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. वह आगे बोले कि सीएए में मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है क्योंकि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश इस्लामी राज्य हैं. फिर वहां मुसलमान धार्मिक अल्पसंख्यक कैसे हो सकते हैं? इसके अलावा अमित शाह ने ये भी कहा कि “CAA से इस देश के अल्पसंख्यकों या किसी और व्यक्ति को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि CAA में किसी की नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है. CAA सिर्फ और सिर्फ तीन देश, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को नागरिकता देने का कानून है.”

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पाकिस्तान में हिंदुओं को किया गया अपमानित

सीएए अधिसूचना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “अखंड भारत का जो हिस्सा थे और जिन पर धार्मिक प्रताड़ना हुई है उन्हें शरण देना मैं मानता हूं. हमारी नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है. जब विभाजन हुआ तब पाकिस्तान में 23% सिख और हिंदू थे आज 3.7% बच गए. वे यहां तो नहीं आए. उनका धर्म परिवर्तन किया गया, उन्हें अपमानित किया गया, दोयम दर्जे के नागरिक के नाते उन्हें रखा गया. ये लोग कहां जाएंगे? क्या देश की संसद इसका विचार नहीं करेगी? अगर मैं बांग्लादेश की बात करूं तो 1951 में वहां हिंदू आबादी 22% थी लेकिन अब आंकड़ों के मुताबिक 2011 में हिंदू आबादी घटकर 10% रह गई है, वे कहां गए?”

अंतरराष्ट्रीय मीडिया को अमित शाह ने दिया करारा जवाब

अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा CAA को ‘एंटी मुस्लिम’ कानून बताए जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “आप इस कानून को अलग करके नहीं देख सकते. 1947 को धर्म के आधार पर विभाजन हुआ था. उस समय कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि अभी हिंसा चल रही है, आप जहां हैं वहां रह जाइए, बाद में आप जब भी भारत में आएंगे आपका स्वागत है लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति के कारण कांग्रेस ने कभी अपना वादा पूरा नहीं किया.” विदेशी मीडिया द्वारा तीन तलाक, CAA और अनुच्छेद 370 पर सवाल उठाए गए हैं, इस सवाल पर अमित शाह ने कहा, “विदेशी मीडिया से पूछिए कि क्या उनके देश में तीन तलाक, मुस्लिम पर्सनल लॉ, अनुच्छेद 370 जैसे प्रावधान हैं.”

विपक्ष के पास नहीं है कोई और काम

विपक्ष ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि भाजपा CAA के जरिए नया वोट बैंक बना रही है, इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ” विपक्ष के पास कोई और काम नहीं है, उन्होंने यहां तक कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक में राजनीतिक फायदा है, तो क्या हमें आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए? उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना भी हमारे राजनीतिक फायदे के लिए था. हम 1950 से कह रहे हैं कि हम अनुच्छेद 370 को हटाएंगे. उनका इतिहास है कि वे जो कहते हैं वह करते नहीं हैं, प्रधानमंत्री मोदी का इतिहास है कि जो भी भाजपा ने कहा है, नरेंद्र मोदी ने जो कहा है, वह पत्थर की लकीर है. पीएम मोदी की हर गारंटी पूरी होती है.”

विपक्षी दल कर रहे हैं झूठ की राजनीति

विपक्षी पार्टियों द्वारा CAA की अधिसूचना की टाइमिंग पर सवाल उठाए गए हैं, इसको लेकर अमित शाह ने कहा, “सारे विपक्षी दल, चाहे असदुद्दीन ओवैसी हों, राहुल गांधी, ममता बनर्जी हों या केजरीवाल हों, ये लोग झूठ की राजनीति कर रहे हैं इसलिए टाइमिंग का महत्व नहीं है. भाजपा ने 2019 में अपने घोषणापत्र में कहा था कि हम CAA लाएंगे और अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को नागरिकता देंगे. 2019 में ही यह बिल संसद के दोनों सदनों ने पारित कर दिया था. कोरोना के कारण थोड़ी देर हुई. विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति कर वोट बैंक को मजबूत करना चाहते हैं. वे बेनकाब हो चुके हैं और देश की जनता जानती है कि CAA इस देश का कानून है.” अमित शाह बोले,” मैं 4 साल में कम से कम मैं 41 बार बोल चुका हूं कि CAA लागू होगा और चुनाव से पहले होगा.”

अपना आपा खो बैठे हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री

दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘शरणार्थियों को नागरिकता देने से चोरी और बलात्कार बढ़ेंगे’ इस बयान पर अमित शाह ने कहा, “दिल्ली के मुख्यमंत्री अपने भ्रष्टाचार के उजागर होने से अपना आपा खो बैठे हैं. उन्हें पता नहीं है कि ये लोग भारत में आ चुके हैं और भारत में रह रहे हैं. अगर उन्हें इतनी ही चिंता है तो वे बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात नहीं करते या रोहिंग्या का विरोध क्यों नहीं करते? वे वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं. वे विभाजन की पृष्ठभूमि भूल गए हैं, उन्हें शरणार्थी परिवारों से मिलना चाहिए.”

राहुल गांधी बताएं जनता को

CAA को लेकर राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “राहुल गांधी को जनता को बताना चाहिए कि यह (CAA) देश के खिलाफ क्यों है, जैसे हम समझा रहे हैं कि यह देश के पक्ष में क्यों है.” क्या CAA के जरिए नागरिकता पाने वालों की अलग पहचान होगी, इस पर अमित शाह ने कहा, “वे भारत के आम नागरिक की तरह ही भारत के नागरिकों की सूची में समाहित हो जाएंगे. उन्हें भी उतने ही अधिकार होंगे जितने आपके या मेरे पास हैं. वे चुनाव भी लड़ सकते हैं, MLA, MP, मुख्यमंत्री या केंद्र सरकार के मंत्री भी बन सकते हैं.”

NRC का कोई प्रावधान नहीं है इस कानून में

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा CAA को “एंटी मुस्लिम” कहे जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “क्या तर्क है? मुसलमानों पर इसलिए धार्मिक प्रताड़ना नहीं हो सकती क्योंकि तीनों देश घोषित इस्लामिक स्टेट हैं. इस कानून में NRC का कोई प्रावधान नहीं है. इस कानून में किसी की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है.”

सत्ता में नहीं आने वाली INDI गठबंधन

विपक्षी नेता ये कह रहे हैं कि, अगर INDIA गठबंधन चुनाव जीतती है तो CAA को रद्द कर दिया जाएगा, इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “उन्हें भी पता है कि INDI गठबंधन सत्ता में नहीं आने वाली है. CAA के कानून को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार लाई है, इसे रद्द करना असंभव है. यह पूर्णतः संवैधानिक रूप से वैध कानून है. सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून पर कोई स्टे नहीं लगाया है. मैं उद्धव ठाकरे से पूछता हूं कि पहले वे स्पष्ट करें कि CAA लागू होना चाहिए या नहीं. अब उन्हें अल्पसंख्यकों के वोट चाहिए इसलिए वे तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं.”

चुनाव के बाद सभी करेंगे सहयोग

केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल की सरकारों ने कहा है कि वह अपने राज्यों में CAA लागू नहीं करेंगे, इस सवाल पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “हमारे संविधान के अनुच्छेद 11 में संसद ने नागरिकता के बारे में कानून बनाने का अधिकार सिर्फ और सिर्फ भारत की संसद को दिया है. यह केंद्र का विषय है, केंद्र और राज्यों का साझा विषय नहीं है. मुझे लगता है चुनाव के बाद सभी सहयोग करेंगे. वे तुष्टिकरण की राजनीति के लिए गलत प्रचार कर रहे हैं.”

आदिवासियों के अधिकार नहीं होंगे कमजोर

क्या CAA आदिवासी क्षेत्रों की संरचना को बदलेगा सवाल पूछे जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “जरा भी नहीं. CAA आदिवासी क्षेत्रों की संरचना और अधिकारों को कमजोर नहीं करेगा या बदलेगा नहीं. हमने अधिनियम में ही प्रावधान किए हैं कि जहां भी इनर लाइन परमिट है और जो भी क्षेत्र 6वीं अनुसूची क्षेत्रों में शामिल हैं, वहां CAA लागू नहीं होगा. उन क्षेत्रों के पते वाले आवेदन ऐप पर अपलोड नहीं होगा. हमने इसे ऐप से निकाल दिया है.”

NRC का CAA से नहीं है कोई लेना-देना

असम में CAA के कार्यान्वयन और CAA और NRC के संबंध पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साक्षात्कार के दौरान कहा, “NRC का CAA से कोई लेना-देना नहीं है. असम नहीं बल्कि देश के हर हिस्से में CAA लागू होगा, सिर्फ नॉर्थ ईस्ट के वह राज्य जहां दो तरह के विशेष अधिकार दिए गए हैं, सिर्फ उन्हीं इलाकों में CAA लागू नहीं होगा. इसमें वे क्षेत्र शामिल हैं जहां इनर लाइन परमिट (ILP) का प्रावधान है और वे क्षेत्र जिन्हें संविधान की 6वीं अनुसूची के तहत विशेष दर्जा दिया गया है.”

भरोसा करिए नरेंद्र मोदी सरकार पर

CAA के बाद नागरिकता पाने वाले लोगों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर अमित शाह ने साक्षात्कार के दौरान कहा, “बहुत सारे लोग हैं, अभी तक कोई गिनती नहीं है, जो दुष्प्रचार चल रहा है, उसके कारण कई लोग आवेदन करने में भी संकोच करेंगे. मैं यहां आवेदन करने वाले सभी लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी सरकार पर भरोसा रखिए आपको पूर्वव्यापी प्रभाव से नागरिकता दी जाएगी. यह कानून आपको शरणार्थी के रूप में स्वीकार कर रहा है. यदि आपने अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया है, तो आपके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं होगा. किसी को डरने की जरूरत नहीं है. सभी को समान अधिकार दिए जाएंगे क्योंकि वे भारत के नागरिक बन जाएंगे.”

ममता बनर्जी नहीं जानतीं ये अंतर

CAA अधिसूचना को लेकर पश्चिम बंगाल CM ममता बनर्जी के बयान को लेकर अमित शाह ने कहा, “वह दिन दूर नहीं, जब भाजपा वहां (पश्चिम बंगाल) सत्ता में आएगी और घुसपैठ रोकेगी. मैं मानता हूं कि अगर आप (ममता बनर्जी) इतने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे के साथ तुष्टिकरण की राजनीति कर घुसपैठ होने देंगे, जो शरणार्थी आए हैं उन्हें नागरिकता देने का विरोध करेंगे तो जनता आपके साथ नहीं रहेगी. ममता बनर्जी को शरणार्थी और घुसपैठ दोनों शब्दों के बीच का अंतर ही नहीं पता है.

हजारों मंच हैं राजनीति करने के

CAA अधिसूचना पर सामने आए ममता बनर्जी के बयान को लेकर अमित शाह ने आगे कहा, “मैं ममता बनर्जी को निवेदन करना चाहता हूं कि राजनीति करने के हजारों मंच हैं, कृपया कर के बांग्लादेश से आए बंगाली हिंदू का अहित न करें. आप भी एक बंगाली हैं. ममता बनर्जी को मैं खुली चुनौती देता हूं कि इस कानून की धारा में से एक धारा वे नागरिकता छीनने वाली बता दें, वे खौफ पैदा कर रही हैं. असम में भाजपा सरकार आने के बाद घुसपैठ पूरी तरह से बंद हो गई है. मैं मानता हूं कि अगर आप (ममता बनर्जी) इतने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे के साथ तुष्टिकरण की राजनीति कर घुसपैठ होने देंगे, जो शरणार्थी आए हैं उन्हें नागरिकता देने का विरोध करेंगे तो जनता आपके साथ नहीं रहेगी.”

किसी के लिए बंद नहीं है रास्ता

CAA अधिसूचना और उसके प्रावधानों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “मुसलमानों को भी नागरिकता के लिए आवेदन करने का अधिकार है. किसी के लिए रास्ता बंद नहीं है. यह विशेष अधिनियम इसलिए बनाया गया है क्योंकि ये बिना किसी दस्तावेज़ के आए हैं, जिनके पास दस्तावेज नहीं है उनके लिए हम कोई रास्ता ढूढेंगे लेकिन जिनके पास दस्तावेज है वे अमूमन 85% से ज्यादा है. कोई समय सीमा नहीं है. आराम से समय लेकर आवेदन किया जा सकता है, भारत सरकार आपके उपलब्ध समय के अनुसार साक्षात्कार के लिए आपको कॉल करेगी. सरकार आपको दस्तावेज़ के ऑडिट के लिए बुलाएगी और आमने-सामने साक्षात्कार किया जाएगा. वे सभी लोग जिन्होंने 15 अगस्त 1947 से 31 दिसंबर 2014 के बीच भारत में प्रवेश किया है उनका यहां स्वागत है.”

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

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