₹52,499 में मिल रहा iPhone 13, यह अब तक की सबसे कम कीमत, खरीदें
ऊपरी सियांग जिले के पाडू एबेंग गांव के लगभग 53 किसानों ने मंगलवार को ‘असम नींबू पर अच्छी कृषि पद्धति’ पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया. कार्यक्रम का संचालन पासीघाट स्थित कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री (सीएचएफ) ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन के सहयोग से किया.
सीएचएफ के डीन प्रो. बीएन हजारिका ने असम लेमन की आधुनिक नर्सरी प्रबंधन, रोपण विधियों, अंतराल, इंटरक्रॉपिंग, एकीकृत रोग और कीट प्रबंधन के साथ वैज्ञानिक उत्पादन तकनीक पर किसानों को अवगत कराया और किसानों को बागवानी आधारित उद्यम शुरू करने और एफपीओ बनाने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सियांग जिले में असम नींबू की उचित वृद्धि और उपज के लिए उपयुक्त कृषि-जलवायु स्थिति पर भी जोर दिया है.
ये भी पढ़ें- WTC Final: ‘संकटमोचक’ बने रहाणे, शार्दूल ठाकुर के साथ मिलकर भारत को 300 के करीब पहुंचाया
उन्होंने यह भी बताया कि M4 कृषि परियोजना का व्यापक उद्देश्य सही समय पर सही जानकारी प्रदान करना और किसानों को स्थानीय बोली में मोबाइल आधारित कृषि सलाहकार सेवाओं के माध्यम से अपनी आजीविका बढ़ाने के लिए सूचित निर्णय लेने में सशक्त बनाना है.
सीएचएफ सामाजिक विज्ञान प्रमुख डॉ. लक्ष्मी धर हटाई ने किसानों को परियोजना के प्रमुख फोकस और उद्देश्यों, और परियोजना के तहत कवर किए जाने वाले स्थानों- अरिक-अबिक-लूनोम से अवगत कराया. यह परियोजना अरुणाचल प्रदेश के नौ जिलों में क्रियान्वित की जा रही है.
भारतीय रेलवे स्टील और खनन उद्योगों में उपयोग के लिए अफ्रीका को 20 डीजल इंजन…
उत्तर प्रदेश सरकार ड्यूटी से लगातार गायब रहने वाले चिकित्साधिकारियों को सेवा से बर्खास्त किए…
यह घटना 12 नवंबर को देहरादून के ONGC चौक पर रात करीब 1:30 बजे हुई.…
वर्ष 1986-88 के दौरान झिलमिल कॉलोनी में 816 फ्लैटों के बहुमंजिला परिसर में एक फ्लैट…
बिहार सरकार के शराबबंदी कानून पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए पटना हाईकोर्ट ने कहा है…
Champions Trophy: चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारत ने पाकिस्तान दौरे के लिए साफ इंकार कर…