ऊपरी सियांग जिले के पाडू एबेंग गांव के लगभग 53 किसानों ने मंगलवार को ‘असम नींबू पर अच्छी कृषि पद्धति’ पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया. कार्यक्रम का संचालन पासीघाट स्थित कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री (सीएचएफ) ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन के सहयोग से किया.
सीएचएफ के डीन प्रो. बीएन हजारिका ने असम लेमन की आधुनिक नर्सरी प्रबंधन, रोपण विधियों, अंतराल, इंटरक्रॉपिंग, एकीकृत रोग और कीट प्रबंधन के साथ वैज्ञानिक उत्पादन तकनीक पर किसानों को अवगत कराया और किसानों को बागवानी आधारित उद्यम शुरू करने और एफपीओ बनाने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सियांग जिले में असम नींबू की उचित वृद्धि और उपज के लिए उपयुक्त कृषि-जलवायु स्थिति पर भी जोर दिया है.
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उन्होंने यह भी बताया कि M4 कृषि परियोजना का व्यापक उद्देश्य सही समय पर सही जानकारी प्रदान करना और किसानों को स्थानीय बोली में मोबाइल आधारित कृषि सलाहकार सेवाओं के माध्यम से अपनी आजीविका बढ़ाने के लिए सूचित निर्णय लेने में सशक्त बनाना है.
सीएचएफ सामाजिक विज्ञान प्रमुख डॉ. लक्ष्मी धर हटाई ने किसानों को परियोजना के प्रमुख फोकस और उद्देश्यों, और परियोजना के तहत कवर किए जाने वाले स्थानों- अरिक-अबिक-लूनोम से अवगत कराया. यह परियोजना अरुणाचल प्रदेश के नौ जिलों में क्रियान्वित की जा रही है.
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