फारूक अब्दुल्ला
नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उनके पास ऐसा कोई जादुई चिराग नहीं है, जो अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी एकता की भविष्यवाणी कर सके. उन्होंने, हालांकि यह भी कहा कि गैर-भाजपा दलों को देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट होने की आवश्यकता का एहसास होना चाहिए.
अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का अनुरोध नहीं करेगी, लेकिन इस साल के अंत में होने वाले पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘(2024 के लोकसभा चुनाव से पहले) विपक्षी दलों की एकता की भविष्यवाणी करने के लिए मेरे पास कोई जादुई चिराग नहीं है। (एक संयुक्त मोर्चा बनाने के लिए) प्रयास जारी हैं और हमें उम्मीद है कि सही समझ विकसित होगी और वे सभी एक साथ आएंगे.’’
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी संसदीय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकता की वकालत की है. उन्होंने कहा, ‘‘मलिक ने (हाल के दिनों में) कई बातें कही हैं … उन्होंने 2019 के पुलवामा हमले के बारे में बात की कि कैसे पांच विमान मुहैया कराए जाने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था और 700 ट्रकों को सड़क मार्ग से जाना पड़ा था, जहां सुरक्षा की पूर्व कवायद नहीं की गयी थी, और यह एक त्रासदी है.’’
चुनाव कराने की भीख नहीं मांगेगी पार्टी
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने की भीख नहीं मांगेगी क्योंकि ‘‘वे (भाजपा) लोकतंत्र को कुचल रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत एक लोकतांत्रिक देश है और आप लोगों को उनके अधिकार से वंचित कर रहे हैं.’’
अब्दुल्ला ने जोर देकर कहा कि नेशनल कांफ्रेंस पंचायत और जिला विकास परिषद चुनाव या विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार है, भले जब भी चुनाव हो. उन्होंने कहा, ‘‘अल्लाह का शुक्र है कि कुछ तो हो रहा है…कम से कम पंचायत चुनाव तो होंगे. लोकतंत्र का यही आधार है और हम कोई चुनाव नहीं छोड़ेंगे.’’ नेसी नेता ने कहा कि उन्हें फैसला करने दीजिए कि वे विधानसभा चुनाव कब कराने जा रहे हैं, हम तैयार हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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